माफिया मुख्तार को अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद मिली तो पूरे परिवार की न्याय की लड़ाई मुकम्मल हो गई तमाम चेहरे उस खौफनाक हत्याकांड को लेकर सुबह से खामोश थे

वाराणसी (ब्यूरो)जब कोई अपना जुदा होता है तो दर्द में आंसुओं का सैलाब उमड़ता है और जब न्याय की जीत होती है तो खुशी से आंखें छलक जाती हैं। 32 साल इंतजार के बाद जब माफिया मुख्तार को अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद मिली तो पूरे परिवार की न्याय की लड़ाई मुकम्मल हो गई। तमाम चेहरे उस खौफनाक हत्याकांड को लेकर सुबह से खामोश थे, जब दोपहर में जैसे ही मुख्तार की सजा का एलान हुआ तो बरबस मुंह से यही निकला कि अब मिलेगी राय साहब की आत्मा को शांति। यह उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

परिवार के लिए मुश्किल घड़ी थी

अपने भाई को खोने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय न्याय मिलते ही बोले-परिवार को संभालना उस व1त आसान नहीं था। इस सदमे में पिता सुरेंद्र राय ने 1994 और मां पार्वती देवी ने 2002 में दम तोड़ दिया। परिवार ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर संघर्ष किया, मुसीबतें आईं लेकिन कभी टूटे नहीं। उन्होंने 1991 में ही ठान लिया था कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, लड़ता रहूंगा।

धमकियों से हुई डराने की कोशिश

अजय राय ने सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट से न्याय मिलने पर सबसे पहले न्यायालय की चौकठ को दंडवत प्रणाम किया। फिर कहा कि अंतत: सत्य की जीत हुई। इस संघर्ष में परिवार, मेरी पत्नी व समस्त शुभचिंतकों ने साथ दिया, वरना मुझे तोडऩे में भाजपा, सपा, बसपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। बेवजह मुकदमें की जाल में फंसाया। मांग करने के बाद भी सुरक्षा नहीं मुहैया करायी। कोर्ट में पेशी के दौरान आज सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था दी गई पर घर आते ही सब हटा दिया गया। अजय राय ने कहा कि मुकदमा दर्ज होन के बाद दोषी मुख्तार अंसारी का दबाव था। कई बार धमकी दी गई। बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन मैं झुका नहीं.

Posted By: Inextlive