जिले में काटे गए 3198 चालान कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधर रही पब्लिक रांग साइड में चलने से होते हैैं डेडली एक्सीडेंट

वाराणसी (ब्यूरो)कहते है कि खूबियां और खामियां साथ-साथ चलती है। बनारस के साथ भी ऐसा है। जहां शहर स्मार्ट हो रहा है, वहीं कुछ लापरवाह लोग स्मार्ट ट्रैफिक व्यवस्था को हल्के में लेते है और हादसे को दावत देते है। यातायात व परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में जारी आंकड़ों के मुताबिक रांग साइड में चलने से 3198 वाहनों का चालान काटकर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। फिर भी लोग हंै कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैैं। बुधवार को कैंट पर रांड साइड से आ रहे आटो ने बाइक सवार को टक्कर मार दिया। गनीमत रही कि बाइक चालक और सवार महिला को ज्यादा चोट नहीं आई.

फुटपाथ भी सुरक्षित नहीं

शहर के दर्जन भर से अधिक इलाकों में रांग साइड से चलने वाले वाहन चालकों के चलते फुटपाथ पर चलने वाले नागरिक भी सुरक्षित नहीं रह गए हैैं। आए दिन फुटपाथ पर चल रहे नागरिकों को रांग साइड से आ रहे बाइक चालक, आटो, ई-रिक्शा और कार से जल्दबाजी में इधर-उधर भागना पड़ता है। ऐसे में कई बार नागरिक गिरकर चोटिल हो जाते हैैं।

जेब्रा क्रासिंग पर जोखिम

रोड सिगनल होने पर सभी वाहन चालक जेब्रा क्रासिंग के पीछे अपने वाहन खड़ा कर ग्रीन लाइट का इंतजार करते हैैं। जेब्रा क्रासिंग से पैदल राहगीर, महिलाएं,फेरीवाले, बच्चे, बूढ़े समेत आसपास के लोग रोड क्रास करते हैैं। ऐसे में रांड साइड से आने वाले वाहन चालकों द्वारा सिगनल नहीं दिखता है और वे सीसीटीवी कैमरे के रडार से बचने के लिए लापरवााही से वाहन चलाते हैैं। लिहाजा, जेब्रा क्रासिंग से गुजर रहे लोगों को दुर्घटना की आंशंका बढ़ जाती है.

जब राइट वाले हो जाते हैैं रांग

इतना ही नहीं रांग साइड पर चलने और कोई सिग्नल न देने की स्थिति में सही साइड पर जा रहे वाहन चालक असमंजस की स्थिति में अपने वाहनों से नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। यूथ राजीव का कहना है कि वाहनों के रांग साइड चलने से होने वाली दुर्घटनाओं की आशंका के चलते पार्क में लोगों का आना-जाना भी अब अनसेफ हो गया है। बावजूद इसके रांगसाइड चलने वाले वाहनों पर पाबंदी नहीं लगाई जा रही है.

आए दिन जाम और विवाद

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने बुधवार को शहर के आधा दर्जन इलाकों का रियलिटी चेक किया। इसमें तेलियाबाग, नदेसर, कचहरी, कैंट, चौकाघाट, सिगरा विद्यापीठ, मलदहिया समेत कई इलाकों की सड़कों पर दो दर्जन से लापरवाह वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। इनमें से फोर ह्वïीलर द्वारा रांग साइड में चलने से दस मिनट से आधे घंटे का जाम भी लग जाता है। रोकने-टोकने पर वाहन चालक विवाद करने लगते हैैं.

केस-1

वाराणसी में कुछ महीने पहले रिंग रोड फेज-2 पर रांग साइड से पड़ाव से डीसीएम ट्रक पर टायर लादकर दिनेश कुमार पांडेय (46) गोरखपुर जा रहा था। लोहरापुर में रिंग रोड फेज-2 पर वह रांग साइड से ट्रक लेकर बढ़ रहा था। इसी दौरान सामने से आए कंटेनर से ट्रक की जबरदस्त टक्कर हो गई। इस हादसे में घटनास्थल पर ही दिनेश की मौत हो गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर लोहता थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पीएम भेज दिया.

यूं बचें रांग साइड से

- रांग साइड से होने वाले हादसे डेडली होते हैैं.

-सुबह में रांग साइड से ज्यादा हादसे होते हैैं.

-रांड साइड से दूसरी लेन में जाने से ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है।

-रांग साइड की वजह से लगने वाले जाम में कई बार एम्बुलेंस और स्कूल बस घंटों फंसी रहती है।

अपनी लेन में चलें

- ट्रैफिक रूल्स के मुताबिक अपनी लेन में चलने से सड़क हादसों में कमी आती है।

-आपकी रांग लेन वाली लापरवाही से एंबुलेंस में पेशेंट की जान जा सकती है.

-अवैध कट से इंट्री मारने से परहेज करें.

-ट्रैफिक सिगनल या वैलिड कट से रोड पर चलें.

-एक रांग साइड राइडर से सैकड़ों वाहन चालकों को परेशानी होती है।

-सही लेन में चलें। अपने और दूसरे को भी सुरक्षित रखें।

वर्जन

शहर में रांग साइड चलने वालों की वजह से नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यातायात पुलिस ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि फ्यूचर में यातायात के रूल्स ब्रेक करने की हिमाकत नहीं कर सकें।

बबलू मौर्य, सामाजिक कार्यकर्ता

शहर में लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैैं। लापरवाह व रांग साइड में चलने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई भी की जा रही है, ताकि ये फ्यूचर में अपनी गलती न दुहरा सकें। रांग साइड में चलते हुए पाए जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अधिकतम दो हजार रुपए का चालान किया जा सकता है।

पंकज कुमार तिवारी, इंस्पेक्टर, ट्रैफिक, वाराणसी

Posted By: Inextlive