प्रतिदिन स्टाक की जांच रिपोर्ट भेजने के झंझट से आधा दर्जन व्यापारियों ने दाल के कारोबार से किया तौबा एमपी नागपुर कटनी की मंडियों में दाल की जमाखोरी कर भाव को दे रहे हवा

वाराणसी (ब्यूरो)एमपी, कटनी और नागपुर की मंडियों में सटोरियों के हावी होने से बनारस की मंडियों में दाल की क्राइसिस बढ़ गई है। यहां के कारोबारियों को जांच के नाम पर टार्चर किया जा रहा है। यही हाल रहा तो यहां की गल्ला मंडियों से दाल गायब न हो जाए, क्योंकि गोदामों में स्टाक की जांच के भय से शहर के आधा दर्जन कारोबारियों ने दाल मंगवाना बंद कर दिया है.

दाल मंगाना ही बंद किया

स्टाक की प्रतिदिन रिपोर्ट भेजने के झंझट से बचने के लिए कारोबारियों ने दाल मंगाना ही बंद कर दिया। शहर की गल्ला मंडियों में आम दिनों में जहां पांच ट्रक दाल आते थेे, वहीं इन दिनों घटकर तीन ट्रक ही आ रहे हैं। मंडियों में पहले सटोरियों के हावी होने से दाल के दाम पहले ही बेलगाम हो चुके हैं। ऐसे में मंडियों में दाल की आवक कम होने से भाव को और हवा लगेगा। फिलहाल कारोबारियों का कहना है कि ऐसे ही प्रशासन की तरफ से परेशान किया गया तो दाल के भाव कुछ ही दिनों में 150 रुपए किलो पार हो जाएंगे.

4 सौ बोरा दाल रखने तक की जगह नहीं

जमाखोरों पर नकेल कसने के लिए एडीएम सप्लाई ने टीम का गठन किया है। टीम को जांच में एक भी ऐसा गोदाम नहीं मिला जहां 4 सौ बोरा दाल रखा जा सके। दो सौ या ढाई सौ क्षमता के ही भंडारण मिले। इतनी दाल तो प्रतिदिन की खपत है। दाल के कारोबारियों का कहना है कि उतना ही दाल मंगाते हैं, जितनी शहर की जरूरत है। स्टाक कहां से करेंगे, क्योंकि दाल के दाल हर पंद्रह दिन पर बढ़ रहा है। ऐसे में दाल की खरीदारी जोरों पर है.

भाव को दे रहे हवा

गल्ला बाजार के कारोबारियों का कहना है कि एमपी, कटनी और नागपुर की गल्ला मंडियों में बड़े पैमाने पर जमाखोरों ने दाल का स्टाक कर रखा है। वहीं से दाल के भाव को हवा दिया जा रहा है। इसका असर यहां के मंडियों पर पड़ रहा है। दाल अभी दो महीने पहले 110 व 115 रुपये किलो की दर से बिक रहा था। अचानक फिर से भाव में उछाल आ गया। गल्ला मंडियों में भाव बढऩे पर प्रशासन गोदामों की जांच करने का आदेश दे दिया है। इससे और कारोबारी सदमे में हंै.

6 कारोबारियों ने बंद किया दाल मंगाना

प्रतिदिन कितने बोरे स्टाक में है, इन सब झमेले से बचने के लिए शहर के 6 कारोबारियों ने दाल मंगाना ही बंद कर दिया है। उनका कहना है कि एमपी, नागपुर, कटनी से दाल मंगाकर आम जनता को देते थे, उसमें भी परेशान किया जा रहा है। दो से तीन रुपए किलो दाल पर मिलता था, वह बंद हो जाएगा। सरकार से मांग की थी कि खाद्यान्न पर जीएसटी से मुक्त कर दिया लेकिन आज तक किया गया.

व्यापारी उतना ही माल मंगाते हैं जितना प्रतिदिन की खपत है। दूर-दराज से कारोबारी दाल मंगाकर आम जनता को प्रोवाइड करते हंै। उसमें उनको एक से दो रुपए मिल जाता है। ऐसे में विभाग अगर जांच के नाम पर प्रताडि़त करेगा तो कारोबारी को कारोबार बंद करने के नाम पर और कोई रास्ता नहीं है.

प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल

भय के कारण छह कारोबारियों ने दाल मंगाना बंद कर दिया है। कई अन्य कारोबारी भी दाल कम मंगा रहे हैं। इसका असर मार्केट पर पड़ रहा है। सरकार को अगर जांच करनी है तो बड़े कंपनियों पर करें जिनकी भंडारण की क्षमता सरकार की भंडारण क्षमता से अधिक है.

भगवान दास जायसवाल, अध्यक्ष, फणिया संघ

जमाखोरों पर लगाम लगाने के लिए टीम का गठन किया गया है। टीम प्रतिदिन स्टाक की जांच करेंगे। इससे व्यापारियों को घबराने की जरूरत नही है। वह दाल का कारोबार करें लेकिन गोदामों में होल्ड न करें। हालांकि अभी तक टीम को 3 से 4 सौ बोरी का स्टाक गोदामों में नहीं मिला.

जवाहर लाल श्रीवास्तव, एडीएम सप्लाई

Posted By: Inextlive