भगवान का निकला रथ, भक्तों का उमड़ा रेला
- रथयात्रा मेले के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
- आकर्षक लाल वस्त्रों में भगवान के दिव्य रूप के दर्शन-पूजन कर हुए निहाल 1ड्डड्डranasi@inext.co.in VARANASI रथयात्रा पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन का क्रम दूसरे दिन भी लगातार जारी रहा। यह प्रभु की एक लीला है कि वह अपने भक्तों से मिलने के लिए हर साल रथयात्रा पहुंचते हैं। तो भक्त भी कहां पीछे रहने वाले थे। रविवार को सुबह से ही भक्तों का रेला उमड़ता रहा। आस्थावानों ने उन्हें तुलसीदल की माला और विशेष रूप से प्रिय नानखटाई और अन्य नैवेद्य अर्पित कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। भगवान ने पहना लाल वस्त्रपहले दिन हुए पीत श्रृंगार के बाद दूसरे दिन भगवान को लाल परिधान धारण कराया गया। सुबह 5.11 बजे मंगला आरती के बाद भगवान को मिष्ठान और पकवान का भोग लगाया गया। इस्कान मंदिर की भजन मंडली ने किशोरी दास के नेतृत्व में चैतन्य महाप्रभु के भजनों की गंगा बहायी। 9.00 बजे भगवान को छौंका, मूंग-चना, पेड़ा, गुड़ व खांडसारी, नीबू का शर्बत भोग लगाया गया। दोपहर में भगवान को पूड़ी, कोहड़ा-लौकी, कटहल आम का अचार भोग लगाया गया। रात बारह बजे शयनआरती के बाद पट बंद कर दिया गया।
जमकर हुई मस्तीमेले में घूमने आये लोगों ने भी खूब मस्ती की। चाट गोलगप्पों के ठेलों पर चटखारों के साथ बनारसी मस्ती में लोग डूबे नजर आए। बच्चों ने भी मेले को खूब एंज्वाय किया। लक्खी मेले की पहचान बन चुके जगन्नाथ मेले में नान खटाई के अलग-अलग स्वादों को चखते और खरीदते लोगों की भीड़ भी मेला क्षेत्र में दिखायी पड़ी। नॉर्मल फ्लेवर से लेकर चॉकलेट फ्लवेर तक की नान खटाई लोगों ने खासी पसंद की। मेला परिसर में लगे छोटे बड़े झूलों पर बैठने के लिए बच्चों से लेकर बड़े तक सब उत्साहित दिखे।