पीके के पक्ष में खड़े हुए लोग
बृजेश कुमार वर्मा
मुझसे कुछ लोग सरस्वती पूजा के नाम पर चंदा मांगने आए। उन्होंने 100 रुपये की रसीद काट कर दे दी। मैंने पूछा कि अपनी खुशी से देना है या जो आप कहेंगे वो? उन्होंने कहा कि अपनी खुशी से दीजिये। फिर मैं बोला कि रसीद में कागज क्यों बरबाद कर रहे हैं। मैं पूजा वाले दिन आऊंगा और डायरेक्टर उनके कदमों में या दान पात्र में चंदा अर्पित कर दूंगा। इस पर वो बुरा मान गए। चंदा मांग कर गली-गली पूजा के नाम पर दो दिन डीजे बजाना कहां तक उचित है। ये बंद होना चाहिए। आस्मा बानो, कटेसर ढोंगी बाबाओं के झांसे में महिलाएं बहुत जल्दी आ जाती हैं। मैं महिलाओं से कहूंगी कि वो बाबाओं के चक्कर में ना फंसें। पीके खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर। श्रुति पाण्डेयबनारस में अब नया ट्रेंड है गुरु को भगवान समझना और ये गुरु मर्सिडीज से घूम रहे हैं। लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं।
अंसार अंसारी सिर्फ एक भगवान पर भरोसा करना चाहिए जिसने सबको बनाया है। बाकी सब तो रॉन्ग नम्बर है। जय प्रकाशभगवान हैं लेकिन जल्द ही पाखण्डी लोग भगवान को गायब कर देंगे और फिर खुद ही भगवान बन जाएंगे।
सुजीत पटेल गांव के लोग ज्यादा भूत प्रेत के चक्कर में फंसे रहते हैं और शिव चर्चा करवाते हैं। जितनी कमाई नहीं है उससे ज्यादा माला, जंतर, कंठी, प्रसाद में खर्च कर देते हैं। ये बिलकुल ठगी जैसा है। इसे रोकना चाहिए। राजेन्द्र स्वरूप वर्मा हम पढ़े लिखे लोगों की ही अंधविश्वास में ज्यादा इन्वाल्व होते हैं ज्यादा पाने की लालच में। गरीब तो दो वक्त की रोटी के लिए ही परेशान रहता है। मकबूल हसन बाबाओं की नीयत साफ नहीं होती है। ये महिलाओं पर गंदी नजर डालते हैं और मौका देख अपनी हवस का शिकार भी बनाते हैं। मुजाहिद खान भगवान या ईश्वर के नाम पर पैसा लेने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों को ये समझाना चाहिए कि भगवान केपास कोई कमी नहीं है। फिर वो लोगों से पैसे और खाने वाली चीजों लेंगे। वो तो देते हैं, लेते नहीं हैं। राहुल सिंह गौतमअंधविश्वास चरम पर है। पिछले साल मेरे एक फ्रेंड ने रोज दही-चीनी खाकर बोर्ड का एग्जाम दिया लेकिन रिजल्ट वाले दिन पता चला कि वह फेल हो गया है। लोगों को अपनी योग्यता पर भरोसा नहीं है इसलिए वो अंधविश्वास का सहारा लेते हैं।
राहुल सेठ, नदेसर हर ताकतवर चीज को इंसान पूजने लगता है। जिसके पास अगरबत्ती, प्रसाद खरीदने का पैसा नहीं होता क्या भगवान उसकी नहीं सुनता। पीके या खाके। मनन शर्मा समाज में धर्म के नाम पर ढोंग करने वालों को कुछ नहीं हो सकता जब तक सरकार कुछ ना चाहे। अरशद खान, नई बस्ती भगवान फोटो या चारदीवारी में नहीं बसते। भगवान दिल में बसते हैं इसलिए उनके फोटो या मंदिरों के नाम पर धंधा नहीं होना चाहिए। इन्होंने भी किया सपोर्ट आकाश कुमार सिंह दानिश इमरान अहमद संजय अतीक