रोजाना बड़ी कंपनियों का करीब 200 करोड़ रुपये होता है शिफ्ट पूर्वांचल के माफियाओं की पड़ी नजर बिहार के अपराधियों ने बनारस को किया टारगेट

वाराणसी (ब्यूरो)लालपुर थाना क्षेत्र में 13 जून को ड्राइवर-खलासी शूटआउट का खुलासा हुआ, जिसमें एक चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। एक बड़ी कंपनी के कलेक्शन मनी पर माफिया झुन्ना पंडित और रवि पटेल की नजर थी। यानी इससे साफ है कि अपराधियों की नजर अब कारोबार में शिफ्ट होने वाली मनी पर है। एक अनुमान के तहत बनारस में रोजाना बड़ी कंपनियों का करीब 200 करोड़ रुपये एक जगह से दूसरे जगह शिफ्ट होता है। ऐसी स्थिति में कारोबारियों को सतर्क रहने की जरूरत है। मनी शिफ्ट करते समय थोड़ी सी लापरवाही जान जोखिम के साथ कारोबार के लिए भारी नुकसान भी हो सकता है.

झुन्ना पंडित का नेटवर्क बिहार तक फैला

कंपनी के कलेक्शन मनी की लूट का मास्टरमाइंड जेल में निरुद्ध झुन्ना पंडित और रवि पटेल हैं, जो बहुत ही शातिर और कुख्यात अपराधी हैं। माफिया श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित पांडेयपुर का ही रहने वाला है। जेल में बंद होने के बावजूद वह अपना नेटवर्क और गैंग बढ़ा रहा है। पांडेयपुर ही नहीं, बल्कि बिहार के नये और छोटे उम्र के अपराधी उसके संपर्क में आ रहे हैं। लालपुर शूटआउट में गिरफ्तार अनुज झा झुन्ना पंडित का मुख्य शूटर है, जो मूल रूप से मधुबनी बिहार का रहने वाला है। रेकी में अनुज झा का साथ देने वाले यश सिंह और प्रमोद गुप्ता निवासी पांडेयपुर को पकड़ा गया है। झुन्ना पंडित पर हत्या, रंगदारी और हत्या के प्रयास सहित अन्य गंभीर आरोपों में वाराणसी और आसपास के जिलों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। झुन्ना मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के गिरोह से भी जुड़ा है.

कई बार हुआ था लूटने का प्रयास

बनारस के एक जर्दा कंपनी के कलेक्शन मनी को लूटने की योजना जेल में बंद झुन्ना पंडित ने बनाई थी। इसके लिए झुन्ना ने बिहार से आए कम उम्र के शातिर अपराधी अनुज झा को सौंपी थी। इस पैसे को लूटने के लिए झुन्ना पंडित के गुर्गों ने पहले रेकी की। इसके बाद ड्राई रिहर्सल भी किया। पांडेयपुर स्थित मिस्टर मंकी रेस्टोरेंट एंड कैफे में सभी जुटते थे, वहीं पर लूट की प्लानिंग बनती थी। अपराधियों ने कई बार कलेक्शन मनी लूटने का प्रयास किया, लेकिन असफल हो जाते थे। इसी कड़ी में 13 जून को कलेक्शन मनी शिफ्ट करने वाले ड्राइवर व खलासी को गोली मारी, लेकिन मनी नहीं मिला.

2018 में तमिलनाडु गैंग सक्रिय था

अप्रैल 2018 में वाराणसी और आसपास जिलों में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से आए गैंग ने लंका में एटीएम कैश वैन से 26 लाख पचास हजार और मुगलसराय में एटीएम कैश वैन से 38 लाख रुपये लूट लिये थे। हालांकि वाराणसी पुलिस ने जल्द ही तमिलनाडु गैंग का खुलासा कर इसका सफाया कर दिया था। करीब 20 अपराधियों को पकड़कर जेल में डाल दिया था। इसके बाद इस तरह की कोई घटना अभी तक नहीं हुई है। अगर झुन्ना पंडित अपने इरादों को कामयाब हुआ तो एक बार फिर बनारस में कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद लूट बंद

जुलाई 2018 में बागपत जेल में बंद मुन्ना बजरंगी पर गोलियां बरसाकर सुनील राठी ने हत्या कर दी थी। मुन्ना की मौत के बाद जरायम की दुनिया में सन्नाटा पसर गया था। इसके बाद बनारस में एक भी बड़ी लूट की घटना नहीं हुई। मुन्ना बजरंगी पर व्यापारियों से जबर्दस्त वसूली करता था.

ये हैैं आंकड़े

-200 करोड़ रुपये रोजाना बनारस में इधर-उधर किया जाता है.

-50 से अधिक बड़ी कंपनियां बनारस में हैं, जिनका बड़ी मात्रा में कलेक्शन मनी शिफ्ट होता है.

-शराब, बैंकिंग, फाइनेंस, ज्वेलरी, गल्ला, हलावा, जर्दा, रेशम, साड़ी आदि ऐसे कारोबार है, जिनका पैसा पूरे शहर में शिफ्ट होता है.

-20 से अधिक कैश कलेक्शन वैन भी पूरे शहर में मूव करती हैं.

एक जर्दा कंपनी का कलेक्शन मनी लूटने की योजना थी। लूट की नियत से ड्राइवर व खलासी को गोली मारी गई थी, लेकिन पैसा नहीं मिला। वरुणा जोन पुलिस अपराध और अपराधियों के खिलाफ मुहिम लगातार चलाती रहेगी.

आदित्य लांग्हे, डीसीपी वरुणा जोन

Posted By: Inextlive