कानून का दरबार, सुरक्षा में बेजार
-बनारस कचहरी में बेरोकटोक आते-जाते हैं हजारों लोग
-आंतकी हमले और गे्रनेड से दहल उठे कचहरी में सुरक्षा के सभी दावे फुस्स -डीजे आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ चौंकाने वाला खुलासा VARANASI सीन- वन कचहरी के गेट नंबर एक पर दो सिपाही, एक सब इंस्पेक्टर मौजूद हैं लेकिन वो अपनी ड्यूटी कुर्सी पर बैठे हुए कर ही रहे। कचहरी के अंदर जाने वाले हाथ में बैग-अटैची हैं। उन्हें कोई चेक नहीं कर रहा है। सीन-टू गेट नंबर तीन पर तैनात पुलिसकर्मी गप्प लड़ा रहे हैं मिले। यहां डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर भी नहीं है कि पता चल सके कि कचहरी में कौन, क्या लेकर जा रहा है। चंद मिनट में ही कई बैग, कई सामान कचहरी से आर-पार हुए। सीन-थ्रीदिवानी कैंपस में गेट नंबर दो से बड़ी संख्या में लोग कचहरी में प्रवेश कर रहे हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मी लापरवाही से खड़े हैं किसी को चेक नहीं कर रहे हैं। उनके पास मौजूद सामान की चेकिंग भी नहीं हो रही है।
आतंकवाद का शिकार हो चुकी बनारस कचहरी का यह खौफनाक दृश्य शनिवार को डीजे आई नेक्स्ट की रिएलिटी चेक में सामने आया। विधानसभा भवन लखनऊ में विस्फोटक बरामद होने के बाद तो सूबे भर में हड़कंप की स्थिति है। बनारस कचहरी में ब्लास्ट भी हुआ है, हाल ही में ग्रेनेड भी मिला लेकिन फिर भी सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा है। लापरवाही इतनी है कि दहशत फैलाने की फिराक में लगे इंसानियत के दुश्मन कभी भी अपने मंसूबे को अंजाम दे सकते हैं।
नजर नहीं आए मेटल डिटेक्टर ख्007 में आतंकी हमले के बाद कचहरी के मेन इंट्री प्वाइंट पर मेटल डिटेक्टर लगाया गया था। अब सभी इंट्री गेट से मेटल डिटेक्टर गायब है। हैंड मेटल डिटेक्टर पुलिसकर्मियों को दिया गया है। उसका भी इस्तेमाल नहीं हो रहा है। सीसी कैमरा भी नदारद कचहरी कैंपस में सीसी कैमरा लगाने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है लेकिन अभी तक कैमरे लग नहीं पाये। हाई लेवल के सीसी कैमरा को लेकर कैंपस में पोल लगाए जा रहे हैं। बॉक्स में बंद है स्कैनर ख्ख् अप्रैल साल ख्0क्म् में फैमिली कोर्ट के पास मिले ग्रेनेड के बाद अधिवक्ताओं की मांग पर स्कैनर की मांग पर स्कैनर कचहरी कैम्पस पहुंच चुका है। लेकिन अभी तक एक बॉक्स में बंद है। पार्किंग सबसे बड़ा खतरारोजाना हजारों की भीड़ कचहरी परिसर में आवाजाही करती है। बाइक से ही आधा कैंपस पटा रहता है। किसी तरह की जांच पार्किंग में नहीं की जाती है। हजारों बाइक कहचरी के चारों ओर सड़क पर रहती हैं।
दुकानों की जांच-पड़ताल नहीं कहचरी परिसर और उसके ईर्द-गिर्द सैकड़ों छोटी-बड़ी दुकानें संचालित होती हैं। फोटो स्टेट, मोबाइल कम्प्यूनिकेशन, चाय-पान, चश्मा, स्टेशनरी की भी दुकानें हैं। किसी के यहां कोई जांच नहीं होती है। माफियाओं की सुरक्षा भी नगण्य माफिया की पेशी भी कचहरी में होती है। लेकिन उनकी भी सुरक्षा राम भरोसे ही होती है। उनके आसपास मौजूद रहने वाले गुर्गे ही सुरक्षा का इंतजाम करते हैं। कचहरी एक नजर में ख्007 में हो चुका है आतंकी हमला ख्0क्म् में ख्ख् अप्रैल को फैमिली कोर्ट में मिल चुका है ग्रेनेड ब्भ्000 वकील, वादी, अधिकारियों व कर्मचारियों का आना जाना होता है रोजाना क्ब् एडीजे क्ब् एडीजे स्कॉट 8000 रजिस्टर्ड हैं वकील क्000 मुंशी कहां कितनी हैं वकीलों की चौकियां क्00 सेंट्रल बार ख्00 बनारस बार ख्00 बड़े अधिवक्ता टीन शेड क्भ्0 राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता भवन भ्0 ओल्ड अधिवक्ता भवन भ्0 बरामदा सहित अन्य स्थानवकीलों की सुरक्षा यहां रामभरोसे चल रही है। सुरक्षा को लेकर कई बार लेटर एसएसपी को दिया जा चुका है लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब कहीं कोई बड़ी घटना होती है तो पुलिस चेकिंग का एक तरह से प्रदर्शन करती है।
अनिल कुमार पांडेय अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन कचहरी में आतंकी हमला हो चुका है, साल भर पहले कोर्ट में ग्रेनेड मिला। लेकिन फिर भी कचहरी में वकीलों के सुरक्षा पर पुलिस एक्टिव आज तक नहीं हुई। आनंद कुमार मिश्रा, महामंत्री बनारस बार एसोसिएशन सिक्योरिटी के नाम पर यहां कुछ नहीं है, इंट्री गेट पर पुलिसकर्मी या तो मोबाइल चलाते हुए मिलेंगे या गप्पबाजी करते हुए। अब तो मेटल डिटेक्टर भी गायब हो चुके हैं। अनुज यादव, पूर्व उपाध्यक्ष बनारस बार एसोसिएशन मुकदमा के सिलसिले में महीना में दो बार तो आना ही होता है। कहीं कोई चेकिंग करता नहीं दिखता है। खास यह भी कि महिलाओं की चेकिंग के लिए महिला पुलिस कर्मी भी नहीं है। कुसुम देवी, वादी लोहटिया बोले, एसएसपी आरके भारद्वाज क्वेश्चन आंतकी हमले झेल चुके कचहरी में सुरक्षा राम भरोसे क्यों है? आंसर कचहरी की सुरक्षा में पुलिसकर्मी हर इंट्री गेट पर तैनात रहते हैं। क्वेश्चन इंट्री गेट पर पुलिसकर्मी तैनात तो थे लेकिन ड्यूटी के भूमिका में क्यों नहीं थे? आंसर पुलिसकर्मियों को मुस्तैदी से ड्यूटी करना है। यदि किसी ने लापरवाही बरती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। क्वेश्चनक्या कारण है कि इंट्री गेट से मेटल डिटेक्टर हटा लिए गए हैं?
आंसर मेटल डिटेक्टर के बारे में मुझे अभी बहुत जानकारी नहीं है, लेकिन पता कराता हूं। क्वेश्चन कचहरी की सुरक्षा चाक चौबंद कैसे होगी? आंसर पुलिस प्रशासन अपनी तरफ से पूरी मुस्तैद है, अधिवक्ताओं का भी साथ अपेक्षित है।