जगन्नाथ प्रभु को देख भक्त हुए निहाल
वाराणसी (ब्यूरो)। काशी के लक्खा मेलों में शुमार रथयात्रा मेले के दूसरे दिन शनिवार को लाल परिधान में सजे-संवरे भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के विग्रहों के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों में होड़ लगी रही। भोर में मंगला आरती से शुरू हुआ यह क्रम दोपहर में तीन घंटे पट बंद होने के समय को छोड़कर रात्रि 12 बजे तक चलता रहा। दर्शन-पूजन के साथ हो लोगों ने दो किलोमीटर परिक्षेत्र में लगे मेले का भी लुत्फ उठाया और आवश्यकतानुसार खरीदारी भी की.
अर्पित की तुलसी की मालाविग्रहों के दर्शन-पूजन का क्रम भोर से ही शुरू हो गया था। दर्शन करते समय लोग जगन्नाथ प्रभु को तुलसी की माला व प्रसाद अर्पित कर अष्टकोणीय रथ को स्पर्श करते और उसकी परिक्रमा कर अपने को धन्य मान रहे थे। इस क्रम में परंपरानुसार काशीराज परिवार के अनंत नारायण ङ्क्षसह ने भी अपने दो बेटों अनिरुद्ध नारायण ङ्क्षसह व प्रद्युम्न नारायण ङ्क्षसह के साथ पहुंचकर दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण कर आशीर्वाद लिया।
व्यंजनों का लिया स्वादउनका स्वागत ट्रस्ट श्री जगन्नाथ जी के अध्यक्ष दीपक शापुरी व सचिव आलोक शापुरी ने किया। शाम को दर्शनार्थियों की भीड़ ज्यादा बढ़ गई। लोग दर्शन करने के बाद मेले का आनंद उठाने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने चटपटे व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ ही झूलों व चरखी का भी खूब आनंद उठाया। मेले में नानखटाई की भी खूब बिक्री हुई। मेले की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस भी मुस्तैद रही.