अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान नहीं होगा. पॉकेट की शोभा बढ़ाने में शुमार डीएल पाने के दिन अब लद गए. जी हां डीएल बनवाना अब सबके बस की बात नहीं होगी. व्हीकल चलाओगे तभी डीएल पाओगे. आरटीओ का यह नया स्लोगन है. यानि जिसे व्हीकल चलाना आता है अब उसे ही ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा. जिसको व्हीकल चलाने नहीं आता उसको लाइसेंस नहीं मिलेगा. कारण कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके पास डीएल तो है लेकिन उनको गाड़ी चलाना ही नहीं आता. यही लोग रोड पर एक्सिडेंट करते हैं. इनको रोकने के लिए डिपार्टमेंट ने यह नया फार्मूला ईजाद किया है. ऐसे लोगों की जांच के लिए आरटीओ खुद टेस्टिंग ट्रैक बनाएगा. इसके लिए हेड क्वार्टर की ओर से जारी ऑर्डर डिपार्टमेंट को मिल गया है. ट्रैक तैयार होते ही नये नियम से लाइसेंस का बनना शुरू हो जाएगा.


Test के बाद ही लाइसेंस अभी तक कोई भी आरटीओ पहुंचकर अपना डीएल बनवा लेता है। इसके लिए कोई जांच पड़ताल नहीं होती है। आसानी से सभी को ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। पूरे प्रॉसेस में कहीं भी लाइसेंस प्राप्त करने वाला व्हीकल ड्राइव करता है इसका जिक्र नहीं होता है। बस फॉर्म भरा और उसे डीएल पकड़ा दिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उसे बाकायदा डिपार्टमेंट के टेस्टिंग ट्रैक पर व्हीकल ड्राइव करना होगा। इसमें पास होने पर ही लाइसेंस की फार्मेलिटी आगे बढ़ेगी और रिलेटेड परसन को डीएल जारी किया जाएगा। ताकि कम हो जाए एक्सिडेंट
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले राइडिंग टेस्ट लेने का डिसीजन ऐसे नहीं है। इसके पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। इनमें सबसे इंपॉर्टेंट एक्सिडेंट को माना जा रहा है। डिपार्टमेंट के मुताबिक अचानक रोड पर गाड़ी लेकर निकलने वालों में से अधिकतर एक्सिडेंट के लिए जिम्मेदार होते हैं। यदि इनको प्रॉपर ट्रेनिंग दे दी जाए तो एक्सिडेंट्स का रेशियो न के बराबर हो जाएगा। टेस्टिंग ट्रैक पर गाड़ी चलाने वाले को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का प्रॉवधान नया नहीं है। पर अब आरटीओ खुद अपना टेस्टिंग ट्रैक बनाने का इंतजाम कर रहा है। जहां टेस्ट देने वाले को ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। बृजेश सिंह, आरटीओ

Posted By: Inextlive