Varanasi: जिधर देखो उधर खुदा है. क्या सड़क क्या गली. जिधर देखो उधर उसकी मौजूदगी पूरे असर के साथ दिखायी दे रही है. हर राह चलता शख्स उसके नाम का जाप करते हुए वैतरणी पार कर रहा है. हम कहते जा रहे हैं और आप भ्रम के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं. अरे भाई हम परवरदिगार की बात थोड़ी कर रहे हैं. हम तो अपने शहर बनारस के सड़कों और गलियों का हालात बयान कर रहे हैं. चलिए आज इन्हीं की सैर की जाए.


24 में से 16 को खोद डाला


इन दिनों अपने शहर का बुरा हाल है। आजकल स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज और ट्रांस वरुणा सीवेज के तहत खोदाई का काम चल रहा है। जल संस्थान की ओर से चल रहे इस काम में सिटी की हर उस सड़क को खोद डाला गया है जहां पब्लिक सबसे ज्यादा गुजरती है। इस वजह से पूरे शहर का हाल मटिया मेट हो गया है। आपको ये जानकर अचरज होगा कि इन दिनों जो खोदाई चल रही है वो शहर की टोटल 24 में से एक दो नहीं बल्कि 16 सड़कों पर चल रही है। इस वजह से शहर में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। जाम की प्रॉब्लम से तो हर कोई परेशान है ही साथ में इस खोदाई से पब्लिक को फ्री ऑफ कॉस्ट बीमारियां भी मिल रही है। बीमारियां दे रही है खोदाई के चलते उडऩे वाली धूल। तो क्या है इस खोदाई के चलते शहर की पब्लिक का हाल हम बताते है आपको।

हर ओर चालू है काम


अगर हम अपने शहर में सड़कों की संख्या की बात करें तो कुल 24 सड़कें है जहां से हर रोज पब्लिक गुजरती है। इन सड़कों पर ट्रैफिक का लोड इस कदर होता है कि यहां शिफ्ट वाइज ट्रैफिक पुलिस के जवानों को दो शिफ्ट में लगाया जाता है। अगर इनमें से आधी से ज्यादा सड़कों को खोद दिया जाये तो? कुछ ऐसा ही हुआ है अपने शहर में। जल संस्थान की ओर से चल रही खोदाई से अपने शहर की 24 में से 16 सड़कों को खोद डाला गया है। इस वजह से ट्रैफिक का तो जो बैंड बजा है वो तो है ही साथ में पब्लिक झेल रही है धूल का गुबार। ये हाल सिर्फ दिन या किसी निर्धारित वक्त में नहीं है बल्कि दिन और रात का है। इस खोदाई के चलते जहां पब्लिक की हालत पतली हो रही है। वहीं दुकानदारों का भी मुनाफा घटता जा रहा है।हर ओर एक ही हाल

हालत ये है कि सड़क पर चलते वक्त अगर आपके आगे कोई बड़ी गाड़ी चल रही है तो पक्का है कि आप धूल से नहा जायंगे। धूल और मिट्टी का रोड पर पड़े होना और खोदाई के बाद भी सड़क का लंबे वक्त तक न बनना इस प्रॉब्लम को बढ़ा रहा है। पिछले दिनों पूरे शहर को सीवर और पीने के पानी के नाम पर खोदकर छोड़ दिया गया था। इसके चलते शहर के हालात बिगड़ गए थे लेकिन जब मंत्रियों और अधिकारियों ने विभागों की चूड़ी कसी तो काम रुका और सड़के भी बनने लगीं। लेकिन जनवरी से दोबारा शुरू हुई खोदाई ने पब्लिक की मुसीबतों को फिर से बढ़ा दिया है। शायद यही वजह है शहर की अधिकांश सड़कें आज भी धूल की चपेट में हैं और इनसे गुजरने का मतलब बीमारियों को दावत देना है।कहां से आ रही है ये धूलमलदहिया, तेलियाबाग, पाण्डेयपुर, सुंदरपुर, लंका, मलदहिया, फातमान रोड व अर्दलीबाजार। ये कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां इन दिनों रोड खोदाई का काम जोर शोर से चल रहा है। खोदाई के बाद कार्यदायी संस्था अंदर से निकल रही मिट्टी को रोड पर ही छोड़ दे रही है। इस वजह से हवा के साथ ये मिट्टी धूल बनकर पब्लिक को परेशान कर रही है। शहर में धूल की दिक्कत झेल रहे लोगों को पॉश इलाकों में भी उड़ती धूल से राहत नहीं मिलती।इस धूल के बहुत हैं नुकसान
रोड पर चलते वक्त उडऩे वाली धूल नुकसान दायक है। डॉक्टर्स की मानें तो रोड पर जो धूल के कण उड़कर हमारी नाक और मुंह में जाते हैं उससे सांस की बीमारी हो सकती है। जबकि खोदाई के बाद निकली मिट्टी के साथ बालू के कण भी मौजूद होते हैं जो आम धूल से और भी ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसके कण मोटे होते हैं रोड पर भारी वाहनों के गुजरने पर ये उड़कर पीछे आ रहे लोगों को अपनी चपेट में लेते हैं। इससे अस्थमा, गले में प्रॉब्लम, खांसी, सर्दी एलर्जी के साथ आंखों में दिक्कतें आ सकती हैं। धूल से एलर्जी की संभावना भी बहुत ज्यादा है। खास तौर पर यंगस्टर्स को धूल की एलर्जी से मुंहासे निकलने का खतरा भी होता है।धूल से बचाव के लिए हो रहे हैं उपायखोदाई के चलते उड़ रही धूल का का गुबार भले ही दुकानदारों की दुकानदारी चौपट कर रहा हो लेकिन बावजूद इसके लोग इस धूल से बचने के लिए कई उपाय कर रहे हैं। खोदाई वाले इलाकों में लोग दुकान के बाद प्लास्टिक के पर्दे लगाने के अलावा शीशों के दरवाजे भी लगवा रहे हैं। बाइक पर चलने वाले लोग मुंह को कपड़े या हेलमेट से कवर करके चल रहे हैं। धूल से बचने की चाहत में सिटी के कई इलाकों में लोग घर और दुकान दोनों जगहों पर मास्क भी पहनकर रह रहे हैं।धूल से ऐसे करें बचाव- धूल से बचने के लिए मास्क का प्रयोग करें।
- कपड़े का मास्क मार्केट में 10 से 15 रुपये में मौजूद है।- घर से निकलते वक्त कपड़ा या फिर दुपट्टा साथ जरुर रखें और फेस कवर करके ही चलें।- बाइक या साइकिल चलाते वक्त हेलमेट का प्रयोग भी आपको धूल से बचा सकता है।- कार में बैठे लोग धूल वाले एरिया में पहुंचने पर शीशे चढ़ा लें।- घर से निकलते वक्त साथ में कोई फेस क्रीम रखें, क्योंकि मुंह धोने के बाद धूल के असर से स्किन ड्राई हो जाती है।अभी नहीं मिलेगी राहतसिटी के अलग अलग इलाकों में चल रही खोदाई से अभी कुछ दिनों तक तो आपको राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। सिटी के 16 इलाकों में चल रही खोदाई 1 जनवरी व 10 फरवरी से शुरू हुई है जो आने वाले 31 मार्च तक चलनी है। ये डेड लाइन तो जलसंस्थान को कार्यदायी संस्था की ओर से दी गई है। ये काम कब पूरा होगा इस बारे में कुछ बताने से अधिकारी कतरा रहे हैं।यहां चल रहा है कामचौकाघाट, मलदहिया, सिगरा, पाण्डेयपुर, आजमगढ़ रोड, चांदमारी, सुंदरपुर, लंका, रविदास गेट, सुंदरपुर, ककरमत्ता, सिधौना रोड।

Posted By: Inextlive