शहर में जाम व हादसे का पर्याय बन चुके ई-रिक्शा की आफत से मिलेगी राहत शहर के चौड़े लिंक रोड और हाईवे पर चल सकेंगे

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस की सड़कों पर दौड़ रहे वैध-अवैध ई-रिक्शा जाम व हादसों का पर्याय बना हुआ है। शहर के अति व्यस्ततम और मुख्य रूट्स पर इनके अबाध आवागमन से लगने वाले जाम से शहर की छवि खराब हो रही है। इसके बावजूद शहर में दिनोंदिन ई-रिक्शा की तादात बढ़ती ही जा रही है। लिहाजा, शहर के ट्रैफिक को स्मूथ बनाने के लिए शहर के मुख्य मार्गों ई-रिक्शा हटाए जाएंगे। इन्हें हटाने से पहले इनके लिए एक रूट भी निर्धारित किया जाएगा। ई-रिक्शा इस रूट पर चलकर सवारियों को मुख्य मार्गों तक लाएंगे, लेकिन उस पर चल नहीं सकेंगे। इसके लिए प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त की ओर से डीएम को जारी पत्र में सर्वे कराकर फीडर रूट तय करने के निर्देश दिए गए हैैं। लिहाजा, जाम से जूझ रही बनारस की पब्लिक में उम्मीद की किरण जागी है कि शायद अब ट्रैफिक जाम के रोग से मुक्ति मिल जाएगी.

ई-रिक्शा का बोझ, बनी परेशानी

शहर में गलियों से लेकर हर मार्ग पर ई-रिक्शा दौड़ते मिल जाएंगे। यातायात विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान समय में वाराणसी में ई-रिक्शा की तादात 18,475 है। जब ई-रिक्शा को शहर में लाइसेंस व परमिट बांटे जा रहे थे, 6,500 से 7,000 हजार की संख्या में ई-रिक्शा को रोड पर दौड़ाने की योजना बनाई गई थी। समय गुजरने के साथ नियम का किसी को ख्याल ही नहीं रहा, सड़कों पर वैध-अवैध ई-रिक्शा की बाढ़ आ गई। साथ ही इन दिनों लगभग 13 हजार ऑटो भी रोड पर फर्राटा भर रहे है.

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी

बनारस में रोजाना लाखों की तादात में पब्लिक व सैलानी आते हैैं। इनको कैंट स्टेशन, रोडवेज, काशी विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, लंका, सारनाथ, घाट, चंदौली, मुगलसराय, बाबतपुर, कमच्छा, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट समेत तीन दर्जन से अधिक इलाकों और सैकड़ों स्पॉट पर आने-जाना के लिए ई-रिक्शा बड़ा साधन है। ई-रिक्शा चालकों पर कई बार निर्धारित रेट से अधिक रुपए लेने के आरोप भी लगते हैैं। छोटी-छोटी दूरियों के अधिक पैसे लेने, पब्लिक प्लेसेज व ऑटो-ई-रिक्शा स्टैैंड पर किराया सूची नहीं होने और ट्रैफिक रूल्स नहीं मानने के चलते पब्लिक और सैलानियों को कई प्रकार की दिक्कतें होती हैैं.

ई-रिक्शा से होनी वाली दिक्कतें

-ई-रिक्शा चालक सड़क पर लेन में नहीं चलते हैैं.

-ई-रिक्शा के बीच सड़क चलने से अन्य वाहनों की स्पीड कम होने लगती है.

-नो पार्किंग में ई-रिक्शा के खड़े होने से ट्रैफिक कंट्रोल में दिक्कत

-अंधेरे में तेजी से चलने पर पलटने का खतरा

स्मूथ आवागमन के लिए निर्देश

-रोड सेफ्टी के लिए पांच विभागों के अधिकारी फीडर रूट तय करेंगे

-जिला सड़क सुरक्षा समितियां परिचालन मार्ग तय करेंगी

-रोड सेफ्टी और जाम कंट्रोल के लिए नियमित बैठक

बनारस में स्मूथ आवागमन के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैैं। शहर व अन्य व्यस्तम क्षेत्रों में जाम से परमानेंटली निजात पाने के लिए फीडर रूट्स तैयार किए जा रहे हैैं।

प्रबल प्रताप सिंह, एसपी ट्रैफिक, वाराणसी

Posted By: Inextlive