मुस्लिम धर्म की पुरानी रिवायत से हटकर नई रीति-रिवाज अपनाने से मौलाना नाराज एक दिन पहले शादी में आतिशबाजी होने से दो शादियां रूक गई थी

वाराणसी (ब्यूरो)सुंदरपुर जीटी रोड पर दो दिन पहले एक घुड़चढ़ी में आतिशबाजी करने के साथ डीजे बजाया जा रहा था। इस दौरान मौलाना ने घुड़चढ़ी को रोक दिया और कहा कि मजहब में आतिशबाजी और डीजे बजाने पर पाबंदी है। मौलाना ने कहा कि यदि अब इस मोहल्ले में किसी शादी में डीजे और आतिशबाजी का प्रयोग किया जाएगा, तो उसमें निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। इधर, शहर के मुफ्ती बातिन नुमानी और मुफ्ती नेयाज ने कहा कि मुस्लिम धर्म में आतिशबाजी और बैंडबाजा हराम माना जाता है। हमारे मजहब में इस पर पाबंदी है.

शुरू हो रही परंपरा

शहर में इस तरह का मामला पहले भी सामने आ चुका है। हिन्दू समेत हर धर्म में बारात व शादी समारोह में बैंडबाजा और आतिशबाजी की परम्परा है, जो अनवरत चल रही है। इसी को देखते हुए मॉडर्न मुस्लिम परिवारों में यह परम्परा धीरे-धीरे शुरू हो रही है.

मदरसे से आए मौलाना

दो दिन पहले सुंदरपुर में मुस्लिम युवक की बारात जा रही थी। सवेरे 10 बजे के करीब घुड़चढ़ी चल रही थी दूल्हा घोड़ी पर सवार था और दूल्हे के सामने डीजे पर महिला और पुरुष नाच रहे थे। जैसे ही घुड़चढ़ी मेन रोड पर पहुंची डीजे और आतिशबाजी की आवाज सुनकर मदरसे में मौजूद कई मौलाना बाहर निकल आए और घुड़चढ़ी को तुरंत रोक दिया.

हमारे मजहब में शादी में बैंडबाजा और आतिशबाजी हराम है। अगर कोई मुस्लिम परिवार शादी में अतिबाजी या बैंडबाजा करता है तो मौलाना को निकाह नहीं पढऩा चाहिए। यह सदियों पुरानी रिवायत है।

मौलाना अब्दुल बातिन नुमानी

मुस्लिम युवक की शादी व बारात में बैंडबाजा के साथ पटाखा जायज नहीं है। हमारे मजहब में किसी भी स्थिति में नई रीति-रिवाज मंजूर नहीं होंगे। ऐसी शादी में मौलाना की ओर से निकाह नहीं पढ़ा जाना चाहिए.

मौलाना मुफ्ती नेयाज

Posted By: Inextlive