पूर्वांचल और आसपास के लोगों के लिए एक वरदान बीएचयू का एसएस हॉस्पिटल लोगों को बेहतर मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए हमेशा प्रयास करता रहता है. अब हॉस्पिटल के टीबी चेस्ट एण्ड रेस्पेरेटरी डिजीज डिपार्टमेंट में एक नयी पहल की गयी है. जी हां यहां एक नयी मशीन लगायी गयी है जो एमडीआर टीबी पेशेंट्स के रोग की न केवल गंभीरता बताती है बल्कि दवा का डोज भी सुझाती है. मशीन के आने से जांच के बाद डॉक्टर को बीमारी की गंभीरता और उसके इलाज में चलाये जाने वाले मेडिसीन के डोज निर्धारण में बहुत आसानी हो जा रही है.


बस दो घंटे में report बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में एमडीआर टीबी के ट्रीटमेंट के लिए अलग से एमडीआर टीबी वार्ड बनाया जा रहा है। इसका इनॉगरेशन जल्द ही किया जाने वाला है। एसएस हॉस्पिटल के टीबी चेस्ट एण्ड रेस्पेरेटरी डिजीज डिपार्टमेंट के हेड प्रो। जेके सामरिया बताते हैं कि पूर्वांचल में अपने तरह की यह अकेली सुविधा है। हॉस्पिटल में इस मशीन से एमडीआर टीबी की जांच की जा रही है। इस मशीन से जांच की खासियत यह है कि पेशेंट्स को जांच के रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होता। बस दो घंटे के अंदर ही जांच की रिपोर्ट आ जाती है। नहीं तो इसके पहले पेशेंट्स को इसी जांच के लिए आठ हफ्तों तक इंतजार करना होता था। फ्री में है मेडिसीन अवेलेबल


प्रो। सामरिया बताते हैं कि हॉस्पिटल में आने वाले कुल टीबी पेशेंट्स में से 10 से 15 परसेंट लोग एमडीआर के पेशेंट्स होते हैं। बताते हैं कि एमडीआर टीबी दवाओं के रेगुलर सेवन न किये जाने वाले टीबी का बिगड़ा हुआ रूप है। इसके इलाज में हर मंथ 10 से 15 हजार रुपये का खर्च आता है। एसएस हॉस्पिटल में सेंट्रल गवर्ननेंट के टीबी उन्मूलन प्रोग्राम डाट्स की ओर से एमडीआर के पेशेंट्स को फ्री में मेडिसीन अवेलेबल कराया जा रहा है।

TB ward भी है तैयार बीएचयू के वीसी डॉ। लालजी सिंह की पहल पर टीबी चेस्ट एण्ड रेस्पेरेटरी डिजीज डिपार्टमेंट के अंर्तगत हॉस्पिटल में 35 बेड्स का टीबी वार्ड व लेबोरेटरी बनायी जा रही है। एक करोड़ रुपये के लागत वाले इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल गवर्नमेंट के टीबी डिपार्टमेंट से फंडिंग हुई है। अभी तक 24 बेड्स का ही निर्माण पूरा हो सका है। जल्द ही इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जायेगा।

Posted By: Inextlive