सुन लो शहर की नई सरकार सामने होंगी चुनौतियां अपार सर्वे ने दिखाया था सच 32 वार्ड में पानी मयस्सर नहीं 52 वार्ड में नाली-सीवर की समस्या 22 वार्ड में ट्रांसपोर्ट सिस्टम का टोटा


वाराणसी (ब्यूरो)शहर की नई सरकार 27 मई को कई बड़े चैलेंज के साथ शपथ लेगी। 22 नए वार्ड विकास के लिए छटपटाते दिखेंगे तो कई पुराने वार्ड पुरानी समस्याओं के मकडज़ाल से बाहर निकलने के लिए आवाज उठाएंगे। इस बार नगर निगम में 10 वार्ड बढ़े हैं। यानी संख्या 90 से 100 हो चुकी है। सभी वार्डों के हालात देखें तो करीब छह महीने पहले शहरी नगर विकास मंत्रालय के सर्वे ने समस्याओं की पोल खोली थी। 32 वार्ड ऐसे मिले थे, जहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं। 38 वार्डों में सीवेज सिस्टम व जल निकासी की व्यवस्था ही नहीं दिखी। आठ वार्डों में बिजली की व्यवस्था खराब मिली तो 50 से अधिक वार्डों में पार्क नहीं थे। कई वार्डों में तो अच्छे स्कूल ही नहीं हैं। कई वार्डों में स्वास्थ्य केंद्रों का आभाव है। सर्वे के छह महीने बाद


नगर निगम और कई विभागों की तरफ से कहा ये भी जा रहा है कि सर्वे के बाद कई काम हुए हैं और कई काम चल रहे हैं। माना जा रहा है कि वार्डों के अंदर छह महीने में इतने काम नहीं हो सकते कि तस्वीर बदल जाए।इन इलाकों में पेयजल संकट

शहरी नगर विकास मंत्रालय के सर्वे में 32 वार्डों में पेयजल की समस्या सामने आई। खासकर मढ़ौली, फुलवरिया, संदहां, तरना, सीरगोवर्धनपुर, रमदत्तपुर, लेढ़ुपुर, लोहता, कंदवां, लालपुर मीरापुर बसहीं, सुसुवाही, पिसौर, सलारपुर, रमरेपुर वार्ड में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं मिली। इसके अलावा जगतपुर, बलुआबीर, कमलबढ़हा, सूजाबाद डोमरी, ककरमत्ता, सरैयां, दीनापुर समेत कई वार्डों में पेयजल संकट सामने आया। इन 32 वार्डों के अलावा भी कई वार्ड पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।यहां नालियां जाम और सीवर ओवर फ्लो इसी तरह 38 वार्डों में सीवेज सिस्टम ही नहीं मिला। इसके चलते जल निकासी भी सबसे बड़ी समस्या है। शहर के 52 वार्ड ऐसे हैं, जहां नाली-सीवर की समस्या है। वरुणापार इलाके के अधिकतर वार्डों में नालियां जाम, और सीवर ओवरफ्लो, पेयजल की पाइप में लीकेज और क्षतिग्रस्त सड़कें भी सिरदर्द बनी हैं। बारिश के समय में अधिकतर वार्डों में जलभराव की समस्या विकराल हो जाती है। इसके चलते घंटों लोगों को घरों में कैद रहना पड़ता है। इसके अलावा तुलसीपुर, ककरमत्ता, बिरदोपुर, सूजाबाद डोमरी, भेलूपुर, छित्तुपुर खास, शिवदासपुर, सलारपुर, मंडुआडीह, घसियारीटोला, शिवाला, पितरकुंडा, रामापुरा में स्थिति ठीक नहीं रहती।

टांसपोर्ट सिस्टम से अछूते हैं कई इलाके, शहर के 22 वार्डों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम का टोटा है। खुद के साधन से लोगों को अपने गंतव्य तक जाना होता है। जरूरत पडऩे के दौरान लोगों को कॉल करने पर ही ऑटो या ई-रिक्शा की सेवा मिलती है। फुलवरिया, संदहां, तरना, कंदवां, लालपुर मीरापुर बसहीं, सुसुवाही, पिसौर, सलारपुर आदि वार्डों में कई बड़ी-बड़ी कालोनियां बस गई हैं, लेकिन आवागमन का कोई साधन नहीं है।सर्वे के आधार पर डीपीआर तैयारजल निगम की ओर से नए वार्डों में जीवन सुगम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सर्वें के आधार पर जल निगम ने अपनी डीपीआर तैयार कर ली है और उसी रिपोर्ट के आधार पर जल निगम को शासन से धन की भी स्वीकृति हो चुकी है। पेयजल लाइन को लगाने के लिए चितईपुर, दीनापुर, लमही का चयन किया है। इस बारे में जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में पांच लोकेशन का और ज्यादा चिह्नांकन किया जा रहा है। इन लोकेशन पर भी पेयजल आपूर्ति का सिस्टम बनेगा। इसके बाद भूजल के माध्यम से ही शहर के अन्य इलाकों में पानी की सप्लाई की जाएगी।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत कई वार्डों को नया रूप दिया गया है। पूरे शहर के 100 वार्डों का सर्वे कराया गया है, जहां भी जो समस्या है, उसे प्राथमिकता के आधार निस्तारित कराया जाएगा। नगर निगम, जलकल, पीडब्ल्यूडी, वीडीए, बिजली विभाग से कार्ययोजना मांगी जा चुकी हैं।
कौशल राज शर्मा, कमिश्नर

Posted By: Inextlive