कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहीं 300 से अधिक पेशेंट 23 पदों के सापेक्ष महज दस की मेडिकल टीम दे रही सेवा लग रही लंबी लाइन


वाराणसी (ब्यूरो)बनारस मॉडल में सालों से उपेक्षित हेल्थ सेक्टर की व्यवस्थाएं अब बेपटरी होनी लगी है। इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। कबीरचौरा स्थित मंडलीय चिकित्सालय परिसर में स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में रोजाना 300 से अधिक महिला पेशेंट के इलाज कराने के लिए पहुंचने से व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं। भीड़ अधिक होने से गर्भवती महिलाओं के लगाए जाने वाली वैक्सीन मशीन खराब होने से पेशेंटों को घंटों परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, अस्पताल को एक पैथोलॉजिस्ट, एक एस्थेनिटिस्ट, सात गायनोकालाजिस्ट और चार सिस्टर्स की दरकार है। दैनिक जागरण की रियलिटी चेक में कई परेशानियां उजागर हुई। पेश है रिपोर्ट. केबिन से लेकर गेट तक लाइन राजकीय महिला चिकित्सालय में बुधवार को सुबह से इलाज कराने पहुंची महिलाओं की लंबी कतार लगी रही। इस लाइन में कई दर्जन गर्भवती महिलाएं भी रही। पर्ची कटाने के बाद डॉक्टर के केबिन तक अपनी बारी का इंतजार करते हुए पहुंचना इन महिलाओं के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं रहा. बैठने की उचित व्यवस्था नहीं महिला अस्पताल परिसर में रोजाना पेशेंटों की भीड़ उमड़ रही है। पांडेयपुर से इलाज कराने आए कमल अपने नवजात शिशु को लेकर पत्थर की सीढिय़ों पर बैठे मिले। कमल ने बताया कि बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। दो-तीन मल्टी सीटर चेयर हैैं और यहां 300 से अधिक पेशेंट और तकरीबन इतने ही तीमारदारों की भीड़ है। बताइये, ये लोग कहां जाएंगे? मैैं भी एक घंटे खड़े रहने के बाद यहां सीढिय़ों पर बैठ गया हूं. तंग और उमस में बेहाल पर्ची कटाने के बाद महिला पेशेंटों की डॉक्टरों के केबिन तक पहुंचना आसान नहीं है। ऐसे में किसी पेशेंट की तबियत अधिक खराब है तो तीमारदार को अधिक भागदौड़ और गार्ड आदि से मिन्नतें करनी पड़ती है। बाहर गेट से डॉक्टर के केबिन तक जाने के लिए एक तंग गली है। इसमें पर्यात फैन और रोशनी की व्यवस्था नाकाफी है। इससे घंटों लाइन में खड़ी महिलाओं को गर्मी और उमस से परेशान होना पड़ता है. जवाब दे जाती है मशीन एक घंटे से अधिक समय से लाइन में खड़ी कोनिया की सोनिया ने बताया कि अस्पताल में इलाज कराने आईं अधिकतर महिलाएं गर्भवती होती हैैं। इनको नियमानुसार नौ महीने के अंदर कई टीके लगवाने पड़ते हैैं। घंटों लाइन में खड़े होने के बाद मेरी बारी आई तो स्टाफ ने बताया कि वेक्सिनेशन की मशीन खराब है। उसने मुझे टीका लगाने के लिए मंडलीय अस्पताल में भेजा। यहां कहा गया कि पर्ची पर लिखवा कर लाइये। अब आप ही बताइये कि मैैं दिनभर यहां से वहां चक्कर काटती रहूं। बहुत अव्यवस्था है। सुधार होना चाहिए. आंकड़ों पर एक नजर राजकीय महिला अस्पताल में रोजाना मरीज- 300 कुल पद - 23 मौजूद डॉक्टर -10 रिक्त डॉक्टरों के पद - 09 रिक्त नर्स के पद - 04 मैैं मरीज के साथ आई हूं। उसे पसली में दर्द है। वह डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में खड़ी है। यहां बहुत अव्यवस्था है। जल्द से जल्द सुधार होना किया जाना चाहिए. तबस्सुम, नक्खीघाट मैैं सुबह से लाइन में खड़ी थी। जब बारी आई तो स्टाफ ने बताया कि मशीन खराब हो गई है। अब फिर से इस गर्मी और उमस में लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। आखिर कब सुधरेगी व्यवस्था. सोनिया, कोनिया अस्पताल में सात महिला डॉक्टरों की कमी है। मौसम बदलने की वजह से इन दिनों पेशेंटों की संख्या में इजाफा हुआ है। मशीन को ठीक कराने, बैठने, रोशनी और फैन की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हैैं. डॉ एके श्रीवास्तव, एसआईसी, राजकीय महिला अस्पताल Posted By: Inextlive