-कानूनी तौर पर कामकाजी महिलाओं को मिले हैं पर्याप्त अधिकार

-प्रसव और पालन-पोषण के लिए छुट्टी है निर्धारित

VARANASI

महिलाओं के अधिकार की कड़ी में आज हम बात कर रहे हैं कामकाजी महिलाओं के गर्भवती होने पर मिलने वाली छुट्टी के अधिकारी के बारे में। इस स्थिति में भी महिलाओं को पर्याप्त अधिकार प्राप्त हैं। उन्हें मैटरनिटी लीव मिलती है। नर्सिग ब्रेक मिलता है। बच्चों के पालन-पोषण के लिए लम्बी छुट्टी भी मिलती है। महिलाओं के इस अधिकार का हनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जेल तक का प्रावधान है।

जाने अपना हक

गर्भवती महिलाओं के कुछ खास अधिकार हैं। इसके लिए संविधान में प्रावधान किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद-ब्ख् के तहत कामकाजी महिलाओं को तमाम अधिकार दिए गए हैं। पार्लियामेंट ने क्9म्क् में यह कानून बनाया था। इसके तहत कोई भी महिला अगर सरकारी नौकरी में है या फिर किसी फैक्ट्री में या किसी अन्य प्राइवेट संस्था में, जिसकी स्थापना इम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस ऐक्ट क्9ब्8 के तहत हुई हो, में काम करती है तो उसे मेटरनिटी बेनिफिट मिलेगा। इसके तहत महिला को क्ख् हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है जिसे वह अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकती है। इस दौरान महिला को वही सैलरी और भत्ता दिया जाएगा जो उसे आखिरी बार दिया गया था। अगर महिला का अबॉर्शन हो जाता है तो भी उसे इस ऐक्ट का लाभ मिलेगा। इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि अगर महिला प्रेग्नेंसी के कारण या फिर वक्त से पहले बच्चे का जन्म होता है या फिर गर्भपात हो जाता है और इन कारणों से अगर महिला बीमार होती है तो मेडिकल रिपोर्ट आधार पर उसे एक महीने का अतिरिक्त अवकाश मिल सकता है। इस दौरान भी उसे तमाम वेतन और भत्ते मिलते रहेंगे। इतना ही नहीं डिलिवरी के क्भ् महीने बाद तक महिला को दफ्तर में रहने के दौरान दो बार नर्सिंग ब्रेक मिलेगा। केन्द्र सरकार ने सुविधा दी है कि सरकारी महिला कर्मचारी, जो मां हैं या बनने वाली हैं तो उन्हें मेटरनिटी पीरियड में विशेष छूट मिलेगी। इसके तहत महिला कर्मचारियों को अब क्फ्भ् दिन की जगह क्80 दिन की मेटरनिटी लीव मिलेगी। इसके अलावा वह अपनी नौकरी के दौरान दो साल (7फ्0 दिन) की छुट्टी ले सकेंगी। यह छुट्टी बच्चे के क्8 साल के होने तक वे कभी भी ले सकती हैं। यानी कि बच्चे की बीमारी या पढ़ाई आदि में, जैसी जरूरत हो। मैटरनिटी लीव के दौरान महिला पर किसी तरह का आरोप लगाकर उसे नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। अगर महिला का एम्प्लॉयर इस बेनिफिट से उसे वंचित करने की कोशिश करता है तो महिला इसकी शिकायत कर सकती है। महिला कोर्ट जा सकती है और दोषी को एक साल तक कैद की सजा हो सकती है।

Posted By: Inextlive