- टूरिस्टों को मुंशी जी के बारे में जानने का मिलेगा मौका

- इस बार खुद विकास प्राधिकरण शुरू करेगा पहल

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VARANASI

लमही गांव में एक बार फिर हिंदी साहित्य के महान कहानीकार एवं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का संग्रहालय बनाने की कवायद शुरू हो गयी है। इस बार यह प्रयास वीडीए खुद कर रहा है। हालांकि इससे पहले 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने लमही में विश्वस्तरीय संग्रहालय बनाने की घोषणा की थी। इसके अलावा उस समय तत्कालीन केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री जयपाल रेड्डी ने भी कहा था कि पर्यटन स्थली बनेगा लमही गांव, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ।

जल्द ही शुरू होगा काम

लमही गांव की स्थिति जानकर वाराणसी विकास प्राधिकारण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने प्लान तैयार किया है। उन्होंने कहा कि हिंदी कहानी को नयी दिशा देने वाले मुंशी प्रेमचंद्र जी की कलम में कितनी ताकत थी कि उन्होंने समाज में होने वाली कुरीतियों को अपने कलम के माध्यम से आइना दिखाया। इनकी कथाओं में मनुष्य के अलावा पशु-पक्षी भी पात्र हैं। इतना सब करने के बाद भी वर्तमान में प्रेमचन्द्र का जन्मस्थली बदहाल है। उन्होंने कहा कि वीडीए लमही गांव में मुंशी प्रेमचंद्र का संग्रहालय बनवाना चाहता है। संग्रहालय बनने के बाद बनारस आने वाले टूरिस्ट मुंशी जी के बारे में जान सकेंगे। बहुत जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।

हर बार आधे में ही रुक जाता है काम

प्रदेश सरकार ने मुंशी प्रेमचन्द्र के गांव लमही और उनके घर को स्मारक घोषित किया है, पर हर बार काम शुरू होता है और आधे में ही रुक जाता है। इसके पहले 2005 में मुलायम सिंह ने घोषणा की थी कि लमही में मुंशी प्रेमचंद्र का विश्वस्तरीय संग्रहालय बनाया जाएगा। मुंशी जी के घर के सामने कई एकड़ जमीन भी ले ली गयी। मगर वषरें बाद आज भी सपना पूरा न हो सका है।

डीएम ने किया निरीक्षण

सोमवार को डीएम सुरेंद्र सिंह ने लमही स्थित मुंशी प्रेमचंद स्मारक का निरीक्षण किया। उन्होंने मुंशी प्रेमचन्द की मूर्ति की सफाई और पौधरोपण करने का निर्देश दिया। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने और तालाब के सुंदरीकरण का आदेश दिया। लमही में तालाबों के पट्टों की जांच कराकर निरस्त करने की कार्यवाही का निर्देश एसडीएम सदर को दिया। इसके अलावा वीडीए के अभियंता राजकुमार को स्मारक के मार्ग की मरम्मत कराने के निर्देश दिए।

Posted By: Inextlive