शिकायत निस्तारण में नगर निगम अव्वल
- करीब 90 फीसदी पब्लिक की शिकायतों का समय से निस्तारण
- फिर भी जनसुनवाई पोर्टल पर वर्षो से सैकड़ों शिकायतें लम्बित VARANASI आईजीआरएस के जनसुनवाई पोर्टल पर अन्य विभागों की अपेक्षा नगर निगम शिकायतों के निस्तारण में अव्वल है। छह महीने में पेयजल, सीवर, सफाई, रोड, लाइट, अतिक्रमण से जुड़ी करीब 90 फीसदी प्रॉब्लम का निस्तारण किया जा चुका है। फिलहाल पांच सौ से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं। जिसमें करीब 50 फीसदी डिफॉल्टर की श्रेणी में चली गई हैं। शासन ने अफसरों को फटकार लगाते हुए डिफॉल्टर मामलों का तत्काल निस्तारण करने का निर्देश ि1दया है। क्या हैं डिफाल्टर शिकायतें?जब भी कोई शिकायतकर्ता इंटीग्रेटेड ग्रेवियेंस रिड्रेसल सिस्टम (आईजीआरएस) पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करता है तो पहले यह देखा जाता है कि उसकी समस्या कितनी बड़ी है। फिर उसे सम्बंधित विभाग को ट्रांसफर किया जाता है। नियम के मुताबिक 15 दिन में प्रॉब्लम का समाधान हो जाना चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो वह शिकायत डिफॉल्टर की श्रेणी में चली जाती है।
मैनुअल शिकायतों पर ध्यान नहींनगर निगम भवन में हेल्पलाइन सेल (कंट्रोल रूम नम्बर 0542-2221999 व 8601872659) बनाई गई है। यहां शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। निगम के स्वच्छता एप पर भी कम्प्लेन की जा सकती है। फैक्ट यह है कि मैनुअल शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इस महीने एक से छह जुलाई तक आई 130 शिकायतों में महज 88 का ही निस्तारण हुआ।
माहवार आई शिकायतें माह शिकायतें निस्तारण जनवरी 717 620 फरवरी 711 643 मार्च 812 756 अप्रैल 843 760 मई 912 787 जून 949 870 एक नजर - 5103 टोटल आई शिकायतें - 4595 शिकायतों का निस्तारण - 508 प्रॉब्लम अब तक पेंडिंग- 233 शिकायतें हुई डिफॉल्टर
- 30 से 50 शिकायतें आती हैं डेली - 4 से 8 री कम्प्लेन आती हैं डेली (ये आंकड़े एक जनवरी से छह जुलाई तक के हैं.) जनसुनवाई पोर्टल पर आई शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है। अवस्थापना सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों को दूर करने में बजट की कमी या कुछ अन्य दिक्कतें आती हैं, जिससे कुछ शिकायतें पेंडिंग रह गई हैं। रमेश चन्द्र सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त