पावर हाउस किसी काम से जाना है तो टायलेट घर से होकर आइये
वाराणसी (ब्यूरो)। बिजली विभाग में आए दिन मास्टर प्लान बनता रहता है, लेकिन जमीनी स्तर अलग है। शहर के दोनों सर्किलों के 44 उपकेंद्रों के 33 में टायलेट की व्यवस्था तक नहीं है। यही नहीं बचे 11 में से पांच जगहों पर टायलेट टूटे पड़े हैैं। ऐसे में जब भी इन उपकेंद्रों में पब्लिक जाती है तो उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर जब बिजली विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस प्रकार की जनसमस्या से निपटने के लिए उच्च अधिकारियों को कई बार सूचित किया गया, परंतु फंड के अभाव में अब तक बिजली घरों में टायलेट की व्यवस्था नहीं करवाई जा सकी है। हां ये जरूर है कि जो भी नये बने हैं, उनमें टायलेट की व्यवस्था की गई है.
काले पड़े टायलेटबिजली विभाग के जिन नये बिजली घरों में टायलेट की व्यवस्था है वह भी यूज करने के लायक नहीं है। उनकी हालत पूरी तरीके से खराब है। इन बिजली घरों में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण कोई भी सफाई करने वाला नहीं है और टायलेट शीट से लेकर पूरी रूम तक काला हो गया है। इस कारण उसमें जाने से लोग कतराते हैैं.
पब्लिक कर चुकी शिकायतबिजली उपकेंद्रों में आने वाली जनता अपने बिल एवं पीडी के समाधान के लिए आती है। वह अपनी परेशानी से कई बार उपकेंद्रों के अधिकारियों को अवïगत करा चुकी है परंतु उपकेंद्र के अधिकारी इस पर कोई भी ध्यान नहीं देते हैं बल्कि जनता को ही धमकाने लगते हैं और कहते हैं कि अपने घर से टायलेट करके आया करो.
एसई कार्यालय का बदबूदार टायलेट दोनों सर्किल के अधीक्षण अभियंता कार्यालय की हालत भी खराब है। वहां के टायलेट पूरी तरीके से बदबूदार हैं। इनकी नियमित तौर पर सफाई भी नहीं होती है। यहां तक कि सारे दरवाजे पूरी तरीके से टूटे पड़े हुए हंै। एसई कार्यालय के टायलेट में जनता जाने से भी घबराती है. नहीं है फीमेल टायलेट सरकारी विभागों में नियमित रूप से पुरुष व महिला टायलेट होने चाहिए लेकिन बिजली विभाग का यह दुर्भाग्य है कि बिजली विभाग के एक भी उपकेंद्र में महिला टायलेट और दिव्यांग टायलेट नहीं है। इस कारण उपकेंद्रों में आने वाली महिलाओं को शर्म का सामना करते हुए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिना टायलेट वाले उपकेंद्र भेलूपुर, संकुलधारा, बेनियाबाग, भट्टïी, ककरमत्ता, दौलतपुर, तरना, नगर निगम, रामनगरविभागीय डिजाइन के अनुसार टायलेट की व्यवस्था होती है। जिन जगहों पर नहीं होगी वहां पर करवाई जाएगी। साथ ही क्षतिग्रस्त टायलेट को तत्काल रूप से ठीक करवाया जाएगा.
दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, मंडल द्वितीय जिन उपकेंद्रों में टायलेट क्षतिग्रस्त अवस्था में होंगे, उन्हें एक्सईएन से रिपोर्ट लेते हुए तत्काल रूप से ठीक करवाया जाएगा। जनमानस को होने वाली परेशानियों का निदान कराया जाएगा. अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम