एक किलोमीटर की पीएम को पाती
यंगस्टर्स की टीम पीएम को लिख रही है लेटर, शहर की समस्याओं की तरह ही लम्बा-चौड़ा है ये लेटर
पत्र के जरिए शहर की समस्याएं बता रही है, इन्हें दूर करने के सुझाव भी लिखे जा रहे हैंVARANASI : अगर आपसे पूछा जाए कि शिकायत पत्र कितना बड़ा हो सकता है?। आप कहेंगे दो-चार शब्दों का या दो-चार पन्नों का। हम कहेंगे कि शिकायती पत्र एक किलोमीटर लम्बा भी हो सकता है। यकीन नहीं हो रहा है ना हमारी बातों पर। लेकिन यह बिल्कुल सच है। यंगस्टर्स का एक ग्रुप पीएम नरेन्द्र मोदी को एक किलोमीटर लम्बा शिकायती पत्र लिख रहा है। इसमें शहर की हालात के बारे में विस्तार से लिखा जा रहा। समस्याओं को दूर करने के लिए सुझाव भी दिए लिखे जा रहे हैं। इसमें शहर का इतिहास और दुनिया में इसके महत्व की भी चर्चा हो रही। एक किलोमीटर लम्बे पत्र पर यंगस्टर्स के साथ शहर के लोग भी अपने दिल की बात लिख रहे हैं।
शुरू की है मुहिमपीएम को एक किलोमीटर लम्बा शिकायती पत्र लिखने के लिए यंगस्टर्स ने मुहिम शुरू कर रखी है। इसके लिए वह उन स्थानों पर जाते हैं जहां पर शहर के लोगों की भीड़ आती है। सिटी के पार्क, गंगा के घाट, पिकनिक प्लेस, भीड़भाड़ वाले मॉल्स और मार्केट में पहुंचते हैं। हाथों में कागज के बड़े-बड़े टुकड़े लेकर खुद शहर की समस्याओं को लिखना शुरू कर देते हैं। इसके साथ पब्लिक को भी प्रॉब्लम लिखने के लिए आमंत्रित करते हैं। उनसे कहते हैं कि जिन भी समस्याओं को वह झेलते हैं उन्हें खुलकर अपने शब्दों में कागज पर उतार दें। पिछले एक सप्ताह से लगभग हर दूसरे दिन टीम के मेम्बर पब्लिक प्लेस पर जाकर पत्र में शिकायतें बढ़ाते जा रहे हैं।
चुना नायाब तरीकाटीम के मेम्बर्स सिटी की हालत के बेहद दुखी हैं। वह इसे सुधारने की चाहत रखते हैं। इसके लिए वह अपनी बात हर उस शख्स तक पहुंचाना चाहते हैं जिसके पास शहर को सजाने-संवारने की जिम्मेदारी है। उन्होंने छोटे-छोटे पत्रों के जरिए लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के सामने ढेरों समस्याएं रखीं लेकिन कोई हल निकला। बनारस के सांसद नरेन्द्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें उम्मीद की किरण दिखी। उन्होंने अपनी बात को पीएम के सामने रखना तय किया। इसके लिए एक नायाब तरीके की तलाश में थे। टीम मेम्बर्स ने आपस में बातचीत के बाद तय किया कि पीएम को एक किलोमीटर लम्बा शिकायती पत्र लिखा जाए। इसमें टीम मेम्बर्स के साथ बनारस के लोगों की बात भी होनी चाहिए। एक साथ इतना लम्बा पत्र लिखना संभव नहीं है। ऐसे में पत्र को टुकड़ों में लिखा जा रहा है। इसके बाद सभी टुकड़ों को जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद रवीन्द्रपुरी कॉलोनी में मौजूद पीएम के संसदीय कार्यालय को इसे सौंप दिया जाएगा। इसके जरिए बनारस के लोगों के दिल की बात पीएम तक पहुंच जाएगी।
तो इसलिए पड़ी जरूरत टीम मेम्बर्स बताते हैं कि सिटी में हर तरफ समस्याएं हैं। टै्रफिक दशकों पुरानी व्यवस्था से चल रहा है। हर रोड पर जबरदस्त अतिक्रमण है। गंदगी की समस्या एक अरसे से बरकरार है। महिलाओं के साथ छेड़खानी, रेप जैसी घटनाएं हो रही हैं। अपराधी बेलगाम हैं। टूरिस्ट को कदम-कदम पर ठगा जा रहा है। बिजनेस की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है और ढेरों समस्याएं इस शहर में मौजूद हैं। बनारस की हालत दुनिया के सबसे बुरे शहरों से भी बुरी है। इसे अगर सुधारा नहीं गया तो लोगों का इस शहर से पलायन शुरू हो जाएगा। इस शहर की प्रतिष्ठा और वजूद बनाए रखने के लिए पहल करना जरूरी है। चलता रहेगा अभियानप्रधानमंत्री को शहर की हालत बताने के बाद यंगस्टर्स की टीम चुप नहीं बैठने वाली है। उनका कहना है कि जब तक सभी समस्याएं हल नहीं हो जाती हैं तब वह लगातार उस ओर सबका ध्यान आकृष्ट कराते रहेंगे। इसके लिए वह हर बार कुछ अलग तरीका अपनाएंगे। टीम मेम्बर्स के अनुसार पीएम को एक किलोमीटर लम्बी पाती देने के बाद सिटी के लोगों के भ्0 फीट लम्बा हस्ताक्षर पत्र दिया जाएगा। इसे भी एक अभियान के तहत पूरा किया जाएगा। कोशिश करेगी कि इसमें शहर के हर हिस्से के लोगों को जोड़ा जाए। सभी को पीएम से उम्मीद है कि शहर की असली सूरत सामने आने के बाद हालत सुधारने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
बेहद अनुभवी हैं टीम मेम्बर्सटीम को लीड कर रहे हैं बीटेक के स्टूडेंट कुशाग्र श्रीवास्तव। बीटेक स्टूडेंट अभिषेक कुमार, बिजनेसमैन विकास कुमार, अजीत बिंद, बीए के स्टूडेंट मयंक गुप्ता, विशाल, बीकाम स्टूडेंट निशांत टीम के मेम्बर्स हैं। इनके साथ गवर्नमेंट डॉक्टर डॉ। कीर्ति आजाद भी हैं। यह टीम बेहद अनुभवी है। सोशल वर्क करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। पिछले आठ सालों से अलग-अलग तरीके से पब्लिक की परेशानियों को हल करने की कोशिश करते रहे हैं। घाटों पर साफ-सफाई करते हैं, जगह-जगह पर पौधरोपण करते हैं। प्याऊ लगाने के साथ और भी सोशल वर्क लगातार करते रहते हैं। इन्होंने टीम को बड़ा करने के बजाय छोटी टीम के जरिए बड़ा काम करने का उदेश्य रखते हैं।