बस नाम है संभव, सुनवाई असंभव
वाराणसी (ब्यूरो)। जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए हर मंगलवार को चलने वाली संभव योजना अब बनारस शहर में असंभव में बदलती जा रही है। हर मंगलवार को इसमें पीडि़त आते हैं, अपनी समस्याएं रखते हैं और आश्वासन की घुट्टी पीकर लौट जाते हैं। उनकी समस्या पर कार्यवाही नहीं होती, जिससे अब लोगों का इस योजना से मोहभंग होता जा रहा है। इस मंगलवार को अफसर बैठे रहे, लेकिन सिर्फ पांच ही फरियादी आए।
अंधेरे में है पब्लिक शहर के सारनाथ के पास बुद्ध विहार कालोनी में पांच हजार से ज्यादा की आबादी रहती है। इस कालोनी के दर्जन भर लोग अपनी शिकायत लेकर हाजिर हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कालोनी में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं ह,ै जिसके कारण अंधेरा छाया रहता है और चोरी का खतरा भी बना रहता है। नियमित सफाईकर्मी की भी तैनाती नहीं है, जिसके कारण सफाई भी नहीं होती है.हर बार बदल रहे अधिकारी
संभव जनसुनवाई में एक पीडि़त विकलांग पहुंचे। उन्होने आरोप लगाया कि पिछले कई बार से आ रहे है, लेकिन मामले का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। मामला जब तक संबंधित अधिकारी तक पहुंचता है, तब तक उसका तबादला हो जाता है। उन्होंने बताया कि भवन संख्या सीएफ 35 बटा 31 संचिका संख्या 183 के विरुद्ध अपील कर रहे हैं। इसी संख्या में एडीजे फोर के आदेशों का उलंघन करते हुए कोतवाली जोन के जोनल अधिकारी ने अपना निर्णय दिया है जो तार्किक नहीं है। इस संबध में न्याय की दरकार है.
फूलमंडी के सामने कूड़ा घर शहर के इंगलिश्यालाइन तिराहे के पास फूलमंडी के पास नगर निगम एवं अन्य स्थानीय लोगों के द्वारा प्रतिदिन कूड़ा डम्प किया जाता है, जिसके कारण यहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दुर्गंध के कारण हजारों की आबादी को काफी परेशानी होती है। लोगो ने स्वास्थ्य अधिकारी से कूड़ा हटवाने की बात कही. जनसुनवाई में ही आंदोलन हर बार की तरह जनसुनवाई के दिन आंदोलन करने की घात लगाकर बैठे आटो यूनियन ने इस बार भी आंदोलन कर दिया। इसके कारण नगर निगम का माहौल गर्म हो गया। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे आटो यूनियन के लोगों ने शहर के सभी आटो स्टैैंड के विस्तारीकरण की मांग रखी। चेतावनी दी की अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो भविष्य में बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. एक नजर में जनसुनवाई- टैक्स से संबधित-1 सफाई लाइट-1 पशु-1 रोड निर्माण-1 अतिक्रमण-1हमे नगर आयुक्त से न्याय की दरख्वास्त है। मैैं विकलांग व्यक्ति हूं। न्याय की उम्मीद लेकर जनसुनवाई तक आया हूं। अब आगे देखते हैं क्या होता है.
अंजनी तिवारी, पीडि़त हमारी कालोनी में एक भी स्ट्रीट लाइट अभी तक नगर निगम की तरफ से नहीं लगाई गई है। हमारी कालोनी में हमेशा गंदगी का अंबार लगा रहता है कोई भी नियमित सफाईकर्मी नहीं है. सुरेश तिवारी, पीडि़त विद्यापीठ के पीछे बनी फूलमंडी के कारण नगर निगम के अलावा अन्य स्थानीय लोगों द्वारा हमेशा कूड़ा डम्प किया जाता है। इसके कारण दुर्गंध हमेशा बनी रहती है, इसके बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. संजय हिटलर, पीडि़त संभव जनसुनवाई सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है। इसके अंदर मिली हुई शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण समयानुसार किया जाता है. संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम