चुनौती बनेगा जन औषधि केन्द्र
- SS हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के पेन पर दवाओं का जेनेरिक नाम चढ़वा पाना होगा कठिन
VARANASI: एसएस हॉस्पिटल बीएचयू ने अपने पेशेंट्स को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के एक शानदार पहल करते हुए जन औषधि केन्द्र की स्थापना की। यहां पर पेशेंट्स को जेनेरिक नेम से दवाएं उपलब्ध होंगी। जो कि पेशेंट्स को 70 परसेंट से कम रेट पर उपलब्ध होंगी। इस केन्द्र के शुरू हो जाने से उन गरीब पेशेंट्स को बहुत राहत होगी जो महंगी दवाओं के अभाव में इलाज से वंचित रह जाते थे। लेकिन खास बात यह है कि इस केन्द्र का लाभ पेशेंट्स को दिला पाना यहां के एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक कड़ी चुनौती साबित होगी। आदत बदलने में लगेगा समयजेनेरिक दवाओं को डॉक्टर्स के पेन पर चढ़वाना बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी। डॉक्टर्स अभी तक ब्रांडेड दवाएं ही अपने पेशेंट्स को प्रिसक्राइब करते आ रहे थे। उन्हें अपनी आदत बदलने में कुछ वक्त लगेगा। वैसे बीएचयू की ओर से डॉक्टर्स को जेनेरिक नेम से दवाएं प्रिसक्राइब करने के लिए सर्कुलर जारी किये जाने की बात थी। लेकिन सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक इस आशय का एक भी सर्कुलर या नोटिफिकेशन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जारी नहीं किया जा सका है। इसके जारी होने के बाद डॉक्टर्स ब्रांड या फिर कंपनी के नाम से दवाएं लिखते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है।
'उमंग' भी है यहां बीएचयू में पहले से ही ख्ब् घंटे मेडिकल शॉप उमंग फार्मेसी की सुविधा उपलब्ध है। जो बीएचयू के पेशेंट्स को मार्केट से कम रेट में ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं उपलब्ध कराता है। अगर डॉक्टर्स जेनेरिक नेम से ही दवाएं लिखने लगे तो 'उमंग' पर पेशेंट्स का आना कम होगा। दूसरी तरह आईएमएस बीएचयू में बड़ी कंपनियों के अलावा छोटी कंपनियों की मेडिसिन्स का भी बहुत जोर है। डॉक्टर्स धड़ल्ले से इस तरह की दवाएं लिखते हैं। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन अब तक उन पर रोक नहीं लगा पाया है।