बनारसी साड़ी के नाम पर दुकानदार बेच रहे नकली साड़ी वसूलते असली का दाम टूरिस्टों के साथ खुलेआम कर रहे धोखा नकली साड़ी का कारोबार पहुंचा डेढ़ करोड़ के पार

वाराणसी (ब्यूरो)चांैकिए नहीं, यह बिल्कुल सच है। अटूट भक्ति व श्रद्धा के साथ बाबा विश्वनाथ के दर पर दर्शन करने आ रहे साउथ के टूरिस्टों के साथ खुलेआम चीटिंग हो रही है। आप भी सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे कि किस तरह से काशी के साड़ी कारोबारी अपनी ही बनारसी साड़ी की साख पर बट्टा लगा रहे हैैं। असली बनारसी साड़ी के नाम पर उन्हें नकली साड़ी देकर और दाम असली का वसूला जा रहा है। विश्वनाथ धाम बनने के बाद डुप्लीकेसी के कारोबार ने पिछले दो सालों में गजब की रफ्तार पकड़ी है। जिस प्रकार से टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है उसी तरह सिटी के मुहल्लों, गलियों में साड़ी की दुकानें खुल गई हैैं। इन दुकानों से हर माह करीब डेढ़ अरब से अधिक का कारोबार हो रहा है.

टूरिस्ट फ्लो ने कारोबार को दी हवा

विश्वनाथ धाम बनने के बाद काशी में टूरिस्टों की संख्या में गजब का उछाल आया। पिछले दस महीने में करीब 6 करोड़ से अधिक टूरिस्ट आ चुके हैं और आने का सिलसिला लगातार जारी है। टूरिस्ट जब भी काशी में आते हैं तो बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद अन्य सामानों के साथ बनारसी साड़ी जरूर खरीदते हैं। खरीदारी शुरू हुई तो साड़ी की अचानक डिमांड बढ़ गई। डिमांड और आपूर्ति की खाई इतनी बढ़ गई कि नकली साड़ी के कारोबार को नया बाजार मिल गया.

गली-मुहल्लों में खुलीं दुकानें

विशेषज्ञों की मानें तो टूरिस्टों की संख्या को देखते हुए शहर में तेजी से साड़ी की दुकानें खुल गईं। आज हर गली, मुहल्ले में साड़ी की दुकानें लगी हुई हैं। इन दुकानदारों का संपर्क सीधे होटल, लॉज, गेस्टहाउस संचालकों से हैं। कोई भी टूरिस्ट बनारसी साड़ी की खरीदारी की बात करता है तो सीधे अपने पसंदीदा दुकानों पर पहुंच जाते हैं और असली साड़ी के नाम पर नकली साड़ी दिला देते हैं.

साड़ी एक हजार की, लेते पांच हजार

साड़ी की प्रतिष्ठानों पर पहुंचने के बाद एक हजार वाली साड़ी का दाम बताते हैं छह से सात हजार। मोलभाव करने के बाद उस साड़ी की कीमत करीब पांच हजार तक तय करके टूरिस्ट को दिला देते हैं। यह सिलसिला करीब शहर के सभी साड़ी के दुकानों में देखने को मिलता है।

साड़ी पॉलिस्टर की, बताते रेशम की

पॉलिस्टर और सिंथेेटिक्स धागे सेे तैयार की गई साड़ी को दुकानदार प्योर रेशम की बताकर खुलेआम साउथ के टूरिस्टों के साथ चीटिंग करते हैं। शहर के सभी दुकानों में लगभग यही खेल होता है। असली रेशम के धागों से तैयार बनारसी साड़ी की कीमत कम से कम दस हजार है। टूरिस्टों को बनारस की असली साड़ी बताकर नकली साड़ी तो देते ही हैं, साथ ही दाम असली का वसूलते हैं.

हर माह डेढ़ अरब का कारोबार

मार्केट से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि नकली साड़ी का कारोबार करीब डेढ़ अरब के पार हो चुका है। हर महीने करीब दस से पंद्रह लाख टूरिस्ट काशी में आ रहे हैं। इसके चलते साड़ी की भी डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। तीन साल पहले जहां 50 से 60 करोड़ का कारोबार होता था जोकि अब बढ़कर करीब डेढ़ अरब के पार हो चुका है.

असली के नाम पर नकली साड़ी का कारोबार शहर में धड़ल्ले से चल रहा है। इस पर अंकुश लगना चाहिए क्योंकि साउथ के टूरिस्टों के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए। बनारसी साड़ी की साख पर बट्टा लग रहा है.

मोहन लाल सरावगी, कारोबारी

बनारसी साड़ी के नाम पर नकली का कारोबार खुलेआम चल रहा है। इस तरह की ठगी नहीं होनी चाहिए। टूरिस्टों के साथ चीटिंग का कारोबार करीब बढ़कर डेढ़ अरब तक पहुंच चुका है.

वैभव कपूर, पदाधिकारी, सिल्क ट्रेड एसो.

पॉलिस्टर, सिंथेटिक्स साडिय़ां ज्यादा दिनों तक नहीं चलती हैं। दुकानदार को यह सोचना चाहिए कि काशी की बनारसी साड़ी बदनाम हो रही है.

राजेश सिंह, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

Posted By: Inextlive