Varanasi: कटे होंठ के साथ पैदा हुई पिंकी. एक संस्‍था की मदद से उसके होंठ ठीक तो हो गए. बाकी रह गई उसके और परिवार की मुफलिसी. समय का पहिया घूमा और वह ऑस्‍कर की चकाचौंध तक गई. वापस आकर फिर जीवन को रौशन करने के लिए ढबहीं के पहाड़ों पर लकड़ी बीनने लगी. इस बार फिर समय का पहिया घूमा और वह टॉस कराने विम्‍बलडन पहुंच गई. इस बार आईनेक्‍स्‍ट ने उसके और परिवार की जिंदगी में थोड़ा ट्विस्‍ट लाने की कोशिश की... देखिए तस्‍वीरों में


टॉस करने से पहले पिंकी को कोर्ट में समझाते हुएभारी बरसात की बाधा को पार कर आई नेक्स्ट की टीम शाम को तकरीबन छह बजे पिंकी के गांव पहुंची। पिंकी की बड़ी बहन अंजू अपनी झोपड़ी के बाहर लगे कच्चे चूल्हे पर लड़कियां जलाने को कोशिश कर रही थी। चूल्हे पर पतीली रखी थी। जो शायद इस बात के इंतजार में भी थी कि कब गीली लकडिय़ां सुलगे और वह भी थोड़ी गरम हो। बगल में कटी थोड़ी सी सब्जियां रखी थी जो शायद परिवार के लिए चटनी की तरह यूज होती। हमने उससे खाना नहीं बनाने को कहा। मूक निगाहों से वह हमें देखने लगी। आखिर क्या कारण है कि आप हमें खाना बनाने से मना कर रहे हैं। थोड़ी ही देर में पिंकी की मां उसके दादा भी आ गये।


आपके साथ पार्टी हम मनायेंगे

पिंकी के दादा, उसकी मां, बहन अंजू, और भाई लालू की खुशी का ठिकाना नहीं था। चिप्स के पैकेट लेकर लालू खुश हो गया और अंजू तो किनारे खड़ी होकर चुपचाप मुस्कुराती रही। उसे लग रहा था कि यह सब क्या हो रहा है। पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ। पहले भी पिंकिया बाहर गयी थी लेकिन तब तो किसी ने इस तरह उनके बारे में नहीं सोचा था। पिंकी के दादा तो टीशर्ट पाकर खुद को उसे पहनने से रोक नहीं सके। उनके चेहरे की रंगत ने उनकी खुशी को बयान कर रही थी।आई नेक्स्ट देख हुए खुशआई नेक्स्ट टीम अपने साथ अपने साथ पिंकी के बारे में छप रही खबरों वाले अपने अखबार का पूरा बंडल ही ले गयी थी। जब हमने उन्हें दिखाया कि देखो हम आपकी पूरी व्यथा को इस तरह से कवर कर रहे हैं वे भाव विभोर हो उठे। पिंकी बहन अंजू दुपट्टे में अपना मुंह छिपकर हंस रही थी तो मां शिमला देवी कवरेज देख भौंचक थी। पिंकी के दादा और ताऊ भी गदगद थे। उन्हें लग रहा था कि अब वाकई सपने सच होने के करीब हैं। उन्होंने हमसे पूछा भी कि भइया अब हमहन क जिन्नगी बदल जायी न?साहब पिंकिया के पापा के

अपने साथ अचानक हुए इस वाकये से हैरान पिंकी की फैमिली वालों के लिए सब कुछ किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन आई नेक्स्ट टीम ने उनके लिए यह सब कर दिखाया। धीरे धीरे बात शुरु हुई। बातों में मुफलिसी का दर्द उभर आया। पिंकी की मां घंूघट की आड़ से बोली, भइया आप लोग हम लोग खातिर इतना कईलन है। एखे किरपा अउर कर देतेन तो पिंकिया के पापा के कउनो रोजी रोजगार क इंतिजाम कर देतेन त आई नेक्स्ट की टीम पिंकी की मां के इस बात पर गंभीर हो गयी। आश्वासन दिया कि यकीन रखें हमसे जो भी हो सकेगा करेंगे।पिंकी के जीवन की खबरें और वीडियो देखेंजानिए ऑस्कर अवार्डेड 'स्माइल पिंकी' की हकीकतविम्बलडन पहुंची स्माइल पिंकी पर आई नेक्स्ट की स्टोरी

Posted By: Inextlive