- संतोषी माता मंदिर की जमीन को लेकर विवाद और फायरिंग का मामला

-गोली चलने की आवाज ने तोड़ी एलआईयू और पुलिस की नींद

संतोषी माता मंदिर की जमीन को लेकर विवाद का धुंआ आज से नहीं बल्की, पिछले चार-पांच वर्षो से उठ रहा था। यह बात और है कि इसकी भनक न तो पुलिस को लगी और न ही एलआईयू को। जिसका परिणाम यह रहा कि रविवार की रात गोली तक चल गई। मामले में एक युवक जख्मी हुआ, वहीं दो लोग हत्या के प्रयास में जेल चले गए। इधर, अब सवाल उठ रहा है कि घटना के बाद जिस तरह एलआईयू और पुलिस सक्रिय हुई, अगर पहले हुई होती तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती।

पुलिस मित्र का सूत्र हुआ फेल

पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश के आने के बाद जिले में बेहतर पुलिसिंग का काम जारी है। इसके तहत थाना क्षेत्र के संभ्रांत लोगों के बीच पुलिस पहुंचकर उनसे मित्रता स्थापित कर रही है, ताकि क्षेत्र में घटित होने वाली हर एक घटना की जानकारी पुलिस तक पहुंचती रहे। लेकिन भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां स्थित संतोषी माता मंदिर पर इतनी बड़ी घटना हो गई और पुलिस के किसी भी मित्र ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी, इससे पुलिस मित्र किस प्रकार से एक्टिव हैं सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

एलआयू के सूचना तंत्र भी फेल

क्षेत्र में घटनाओं के घटित होने के बाद पुलिस को सूचना मिलती है, लेकिन पुलिस की विशेष विंग एलआईयू है, इनके द्वारा अपने विश्वस्त सूत्रों से पहले ही पता लगा लिया जाता है कि घटना कहां होने वाली है, या किस विवाद का अंजाम बुरा हो जाएगा। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि पिछले चार-पांच वर्षो से यह विवाद अपने अंदर बड़ी घटना को समेटे आ रहा था, इसकी जानकारी एलआईयू तक को नहीं मिल सकी। यह कहीं न कहीं स्थानीय एलआईयू की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहा है।

सरकारी नंबर स्विच ऑफ

क्षेत्र के लोगों की सहुलियत और किसी भी जानकारी के अदान-प्रदान के लिए सरकार द्वारा थाने और पुलिस चौकियों को सरकारी नबंर एलॉट किए गए हैं। सरकारी नंबर को 24 घंटे ऑन रखना और उसे रिसीव करने की जिम्मेदारी भी संबंधित की होती है। ऐसे में भेलूपुर पुलिस चौकी का सरकारी नबंर 7839853231 स्विच ऑफ आया है। जबकि आसपास के लोगों की मानें तो घटना के समय कई बार लोगों ने पुलिस चौकी पर कॉल किया, लेकिन मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को सूचना विलंब से मिली।

लाइसेंस होगा निरस्त

पुलिस के अनुसार रविवार को हुए विवाद में अतर सिंह ने अपने लाइसेंसी असलहे से गोली चलाई, जिससे अभिषेक को गोली लगी है। पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजकर लाइसेंसी पिस्टल के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।

अतर सिंह और राजबहादुर सिंह को जेल

इस मामले में पुलिस ने मंदिर के पुजारी रवि पांडेय की तहरीर पर दो लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों अभियुक्त अतर सिंह और राजबहादुर को जेल भेज दिया। उनके पास से एक लाइसेंसी पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद बरामद हुआ है। मारपीट के दौरान यह दोनों घायल थे, उपचार बीएचयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा था। वहीं से पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

:: कोट :::

पूर्व में इस मामले पर किसी पक्ष द्वारा कोई शिकायती पत्र नहीं दिया गया था। आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।

-रमाकांत दूबे, प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर

Posted By: Inextlive