Varanasi: संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में गुरुवार को छात्रसंघ के लिए हुए इलेक्शन में एक ही पैनल के सभी कैंडिडेट्स विनर बनने में कामयाब रहे. चारों बड़ी पोस्ट्स पर आमने सामने की हुई टक्कर में प्रेसिडेंट पद पर प्रहलाद शुक्ल को विजयश्री मिली. वहीं वाइस प्रेसिडेंट पद पर अजय तिवारी ने बाजी मारी. जनरल सेक्रेटरी पद पर जगपाल शर्मा और पुस्तकालय मंत्री पद पर अजय पांडेय के सिर पर ताज सजा. संस्कृत यूनिवर्सिटी में सुबह नौ से दोपहर दो के तक हुए इलेक्शन के बाद शाम साढ़े चार बजे काउंटिंग स्टार्ट हुई. इस बार पूरा प्रॉसेस शताब्दी भवन में आयोजित किया गया. पहला मौका रहा जब कैंडिडेट्स को मेन गेट के बाहर कर दिया गया था. वहां वो वोटर्स से अपने लिए अपील कर रहे थे. टाइट सिक्योरिटी के बीच फाइनल रिजल्ट इलेक्शन ऑफिसर डॉ. विनीता सिंह ने शाम 7.30 बजे डिक्लेयर किया. इसके बाद जीते कैंडिडेट्स एक दूसरे को बधाई देने लगे. जबकि हारे कैंडिडेट्स मौके से खिसक लिए. यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन के चारों पदों के लिए टोटल आठ कैंडिडेट्स मैदान में थे. वहीं फैकल्टी रिप्रेंजेंटेटिव्स पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं. टोटल 1482 में से 1153 वोट्स पड़े. इनमें 316 गर्ल वोटर्स भी शामिल हैं.


आमने सामने की रही टक्कर यूनिवर्सिटी में सबसे कड़ा मुकाबला प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी पद पर लड़ रहे कैंडिडेट्स के बीच रहा। इसके बाद भी प्रहलाद शुक्ल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्रीशरंजन त्रिपाठी को 137 वोट्स से हराया। प्रहलाद को 626 और श्रीशरंजन को 489 वोट्स मिले। वहीं वाइस प्रेसिडेंट पोस्ट पर कड़ी टक्कर के बीच अजय तिवारी अपने प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मण से 259 वोटों से जीते। जनरल सेक्रेटरी पोस्ट पर 117 वोटों से जगपाल शर्मा अपने प्रतिद्वंद्वी विकास द्विवेदी से जीते। पुस्तकालय मंत्री पर अजय कुमार पांडेय ने 648 वोट पाकर 187 वोटों से ब्रजेश कुमार मिश्र को हराया। वहीं संकाय प्रतिनिधि पद पर साहित्य संस्कृति संकाय से मंटू कुमार तिवारी, वेद वेदांग से घनश्याम दूबे व रविकांत त्रिपाठी तथा आधुनिक ज्ञान विज्ञान फैकल्टी से शशिकांत सिंह ने जीत हासिल की। विनर्स को वाइस चांसलर प्रो। बीपी मिश्र ने शपथ दिलायी और उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किये। 


झूमकर दिये vote

कभी स्टूडेंट यूनियन के लिए वोट देने से परहेज करने वाले स्टूडेंट्स का नजरिया पहले की अपेक्षा अब चेंज हुआ है। पढऩे वाले तो छात्रसंघ का नाम लेते ही चिढ़ जाते थे। लेकिन संस्कृत यूनिवर्सिटी में गुरुवार को हुए इलेक्शन ने इस पर सवालिया निशान लगा दिया। बॉयज ही नहीं गल्र्स में भी वोटिंग के प्रति जबरदस्त उत्साह दिखा। शायद यह पहला मौका था जब यूनिवर्सिटी में पढऩे वाली गल्र्स ने खुलकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां पढऩे वाली टोटल 316 गल्र्स में से 231 वोट देने पहुंचीं। ये काफी देर तक लाइन में भी लगी रहीं। इनमें बहुत सारी शादीशुदा स्टूडेंट्स भी शामिल रहीं। इनके जज्बे को देख यूनिवर्सिटी के टीचर्स, ऑफिसर्स व मौके पर उपस्थित कर्मचारियों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली। एकबारगी एक साथ वोट देने पहुंचे बौद्ध भिक्षुओं से भी हलचल पैदा हो गयी। हर तरफ बस चीवर ही चीवर दिखायी दे रहा था। कमोवेश यही हाल स्टूडेंट्स का भी रहा। इनके बूथ्स पर भी वोटिंग के दौरान लंबी लाइन लगी रही।  इनके बीच रही fight प्रेसिडेंट-प्रहलाद शुक्ल व श्रीशरंजन त्रिपाठीवाइस प्रेसिडेंट-अजय तिवारी व लक्ष्मण पालजनरल सेक्रेटरी-जगपाल शर्मा व विकास द्विवेदी पुस्तकालय मंत्री-अजय कुमार पांडेय व ब्रजेश कुमार मिश्र चार फर्जी वोटर्स हत्थे चढ़े

आम इलेक्शन में तो फर्जी वोटर्स का मिलना नॉर्मल बात है। लेकिन छात्रसंघ इलेक्शन में फर्जी वोटर्स का सामने आना हैरत करने वाला है। संस्कृत यूनिवर्सिटी के इलेक्शन में ऐसा देखने को मिला। वोटिंग के दौरान आई कार्ड पर फोटो चेंज कर पहुंचे चार फर्जी वोटर्स पकड़े गए। इनमें दो भागने में सफल रहे। वहीं दो को पुलिस के हवाले कर दिया गया। बाहर किए गए agentवोटिंग के दौरान बूथ पर तैनात एजेंट्स भी नियमों की अनदेखी करते पकड़े गए। इलेक्शन ऑफिसर डॉ। विनीता सिंह ने बताया कि वोटिंग के लिए बनाए गए बूथ्स पर सभी कैंडिडेट्स के रिप्रेंजेटेटिव्स को तैनात किया जाता है। इनमें दो एजेंट ऐसे मिले जो मौके पर अपने अपने कैंडिडेट्स का कनवेसिंग कर रहे थे। कंप्लेन पर उनको बाहर कर दिया गया।

Posted By: Inextlive