वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जिला प्रशासन से पिछले छह माह में की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी. इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने आनन-फानन में प्रदूषण जांच नहीं कराने वाले आटो रिक्शा की सूची बना ली.

वाराणसी (ब्यूरो) जिले में साढ़े तीन हजार ऑटो की फिटनेस जांच नहीं हुई है। इनमें से कई ऐसे ऑटो हैं, जिनकी फिटनेस कोरोना काल से पहले से खत्म है। ऐसे ऑटो में सफर से सवारियों की जान खतरे में है। अनफिट ऑटो अभियान चलाकर जब्त किए जाएंगे। ऑटो की फिटनेस जांच के अलावा चालकों से 15 हजार रुपये जुर्माना वसूलने के बाद छोड़े जाएंगे।

अनफिट से हो सकती है दुर्घटना

जिले के आरटीओ में करीब 16 हजार से अधिक ऑटो पंजीकृत हैं। इनमें से 25 फीसदी से अधिक ऑटो की फिटनेस जांच नहीं हुई है। एआरटीओ प्रशासन सर्वेश चतुर्वेदी ने कहा कि अनफिट ऑटो कभी भी दुर्घटना ग्रस्त हो सकता और सवारियों की जान खतरे में पड़ सकती है। इसलिए सडक़ पर दौड़ते पाए जाने पर इन ऑटो को जब्त किया जाएगा। प्रदूषण जांच न होने पर दस हजार रुपये और अनफिट वाहन चलाने के कारण पांच हजार रुपये यानि कुल 15 हजार रुपये का जुर्माना लिया जाएगा।

आठ साल बाद हर वर्ष फिटनेस जांच जरूरी

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सीएनजी ऑटो को 15 साल तक चलाने की अनुमति है। नए ऑटो की प्रत्येक दो साल में फिटनेस जांच की जाती है। आठ साल बाद ऑटो की हर वर्ष फिटनेस जांच जरूरी है। ऑटो की फिटनेस फीस 600 रुपये है। इसमें 400 रुपये फिटनेस शुल्क और 200 रुपये प्रमाणपत्र की फीस है। यह शुल्क सरकार की ओर से निर्धारित है।

30 सितंबर तक दिया गया था समय

शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन संबंधी दस्तावेजों की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी। यह छूट उन लोगों के लिए थी, जिनके वाहन के दस्तावेजों की अवधि एक फरवरी 2020 या उसके बाद खत्म हो रही थी।

ऑटो के हर हिस्से की होती है जांच

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक फिटनेस में ऑटो के हर हिस्से की जांच की जाती है। इसमें ऑटो के ब्रेक, हेड लाइट, बॉडी समेत सभी हिस्से शामिल हैं। यदि किसी भी हिस्से में कमी मिलती है तो उसे दुरुस्त कराकर फिर से फिटनेस जांच के लिए लाने को कहा जाता है। फिटनेस प्रमाणपत्र तब तक जारी नहीं किया जाता है जब तक सभी हिस्से जांच में दुरुस्त नहीं पाए जाते हैं।

ऑटो चालक लापरवाही न बरतें और ऑटो की जल्द से जल्द फिटनेस करा लें। लोग भी यदि खराब हालत में दौड़ रहे ऑटो को देखें तो उसकी सूचना परिवहन विभाग को दें। साथ ही, उस ऑटो में सफर न करें।

सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ

Posted By: Inextlive