मां को देख मासूम खिलखिलाया तो डबडबाईं आश्रिता की आंखें कैंट रेलवे स्टेशन से एक मई को लापता हुआ था बच्चा 25 दिन के संघर्ष के बाद गोद में लौटा तीन वर्षीय बेटा

वाराणसी (ब्यूरो)इंतजार खत्म। मां का हौसला जीत गया और नन्हां तनिस मिल गया। सीडब्लूसी (बाल कल्याण समिति) वाराणसी के चांदमारी स्थित कार्यालय में शुक्रवार को यह सुखद पल देखने को मिला, जब बक्सर सीडब्लूसी की टीम के अमित मिश्रा ने आश्रिता की गोद में तनिस को सौंपा। 25 दिनों बाद मां को देख मासूम खिलखिला उठा तो आश्रिता की आंखें डबडबा गईं। संघर्ष में मां का साथ देतीं रहीं युवा फाउंडेशन की सीमा चौधरी राहत की सांस लेते लापता दूसरी किशोरी नीतू को बरामद कराने की मुहिम में जुट गईं।

यह था पूरा मामला

फूलपुर के धरसौना की आश्रिता ङ्क्षसह एक मई को रेलवे स्टेशन पर आईं थी, जहां से उनका बेटा दिन में ही गायब हो गया था। तीन मई को मां की मशक्कत के बाद जीआरपी ने रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू की। सात मई को सोशल मीडिया के जरिये तनिस के बक्सर में मिलने की जानकारी हुई। उसे सीडब्लूसी ने आरा के विशिष्ठ दत्तक संस्थान में रखा था। आश्रिता बेटे को पाने पहुंचीं तो मामला दो प्रांतों के कायदों में फंस गया। सीडब्लूसी वाराणसी और बक्सर के प्रयास के बाद भी आश्रिता को 25 दिन बाद शनिवार को तनिस मिल सका।

मंदिर में उतारी मन्नत

चांदमारी में सीडब्लूसी बक्सर से तनिस को लेकर पहुंचे अमित मिश्रा ने मां की गोद में तनिस को सौंपा। आश्रिता अपने पति वकील शाह के साथ सीधा महामृत्युंजय मंदिर में पहुंच मन्नत उतारीं। उसके बाद तनिस ने आइसक्रीम, केला, जामुन, दूध की डिमांड करता गया और दंपती उसे पूरा करते गये। आश्रिता ने कहा कि मेरी सारी मुराद पूरी कर दी.

अब गुनहगार को खोज

राजकीय रेलवे पुलिस तनिस की बरामदगी के बाद उसके गुनहगार को ढूंढेगी। दरअसल तीन मई को दर्ज मुकदमे की छानबीन में सीसीटीवी कैमरे की वीडीयो फुटेज की जांच की गई थी। उसमें तनिस एक व्यक्ति के पीछे-पीछे चलता जा रहा था। उस व्यक्ति को बेनकाब करना अब भी बाकी है। जीआरपी इंस्पेक्टर संतोष मिश्रा ने बताया कि तनिस के गुनहगार को हम ढूंढ निकालेंगे.

Posted By: Inextlive