रोड एक्सीडेंट का पहला घंटा घायल के लिए गोल्डन आवर साबित हो सकता है। यदि इस दौरान घायल को उपचार मिल जाए तो 50 परसेंट तक लोगों की जान बचाई जा सकती है। ट्रैफिक डायरेक्ट मुख्तार मोहसिन ने यह बात विश्व स्मरण दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में यह बात कही।

देहरादून(ब्यूरो)। ट्रैफिक डायरेक्टर मुख्तार मोहसिन में कहा कि एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं, इसका कारण है ट्रैफिक रूल्स का पालन न करना। ट्रैफिक रूल्स का पालन न करने वाले अपने साथ ही दूसरे की जान भी खतरे में डालते हैं। कार्यक्रम में पे्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि किस तरह से ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन एक्सीडेंट और मौत का करण बन सकता है। प्रेजेंटेशन में यह भी बताया कि किस तरह से एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति की मदद की जा सकती है और उसकी जान बचाई जा सकती है।

गोल्डन ऑवर महत्वपूर्ण
एक्सीडेंट के बाद का एक घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि इस एक घंटे के भीतर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इसीलिए एक्सीडेंट के बाद का एक घंटा गोल्डन ऑवर कहा जाता है। इस गोल्डन ऑवर का इस्तेमाल ठीक से किया जाए तो एक्सीडेंट में मरने वाले 50 परसेंट लोगों की जान बचाई जा सकती है।

बिना हिचक करें मदद
ट्रैफिक डायरेक्टर ने कहा कि आमतौर पर लोग एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति की मदद करने के बजाय वहां से निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह एक्सीडेंट में घायल हो गये व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने वालों से कोई पूछताछ नहीं होती, यह सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था है।

हॉस्पिटल पहुंचाने पर मिलेगा इनाम
एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने वालों को ट्रैफिक डायरेक्टरेट की ओर से सम्मानित करने और इनाम देने की योजना भी है। आम लोगों से अपील की गई है कि ट्रैफिक रूल्स का हर हाल में पालन करें।

Posted By: Inextlive