- लॉकडाउन का असर दून के बुक सेलर्स पर भी, 25 परसेंट तक गिरी बुक्स की सेल्स

- दुकानें बंद रहने और ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बुक्स कारोबार पर पड़ा असर

देहरादून,

लॉकडाउन का असर दून के बुक सेलर्स पर भी पड़ा है। एजुकेशन सीजन में जहां बुक्स की दुकानों पर पांव रखने की तक जगह नहीं मिलती थी, इस बार दुकानों पर इक्का-दुक्का पैरेंट्स ही पहुंच रहे हैं। इधर ऑनलाइन क्लासेज के चलते कई पैरेंट्स अब स्टूडेंट्स के लिए पहले से ही बुक्स का इंतजाम कर चुके हैं। लॉकडाउन के चलते दून के बुक्स के बाजार का 25 परसेंट तक सेल्स गिर गई है।

बुक्स की दुकानें खुलने से नहीं कोई राहत

लॉकडाउन 3 में बुक सेलर्स को दुकानें खोलने से थोड़ा राहत तो मिली है, लेकिन बाजार में अब कस्टमर नहीं पहुंच रहे हैं। एजुकेशन सीजन पहले ही ऑनलाइन शुरू हो चुका है। ऐसे में बुक्स खरीदने वाले कस्टमर ही नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे बुक्स सेलर्स में भी निराशा नजर आ रही है। पहले प्रशासन की ओर से बुक्स की होम डिलीवरी शुरू करवाई गई थी, जिसमें एक्सट्रा चार्ज लेने की कंप्लेन के चलते कई पैरेंट्स ने आपत्ति जताई थी। एक अनुमान के अनुसार दून में एजुकेशन सीजन में बुक्स सेलर्स की 25 परसेंट तक सेल्स गिर गई हैं। पटेलनगर में साहित्य व‌र्ल्ड के ओनर और बुक्स सेलर्स एसोसिएशन के समन्वयक राजेन्द्र बहुगुणा ने बताया कि पिछले साल इन दिनों एक बुक सेलर के यहां 1 हजार सेट तक प्रतिदिन तक निकल जाते थे, जो इस बार 10 सेट प्रतिदिन तक हो गए हैं। ऐसे में बुक्स सेलर्स के पास कोई काम ही नहीं है। उन्होंने बताया कि स्टेट गवर्नमेंट को भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई प्रकार की गलत सूचनाएं भी प्रचारित की जा रही हैं जैसे दुकानों में पैकेट बनाकर पैरेंट्स को जबरन बुक्स बेची जा रही हैं, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने बताया कि दुकानों में जो पैकेट बनाकर रखे गए हैं, उनमें क्लास के हिसाब से बुक्स रखी गई है, लेकिन ये पूरी तरह पैरेंट्स पर निर्भर है कि वह खरीदना चाहता है या नहीं।

एनसीईआरटी के अलावा दूसरी बुक्स रखना मजबूरी

इधर स्टेट गवर्नमेंट द्वारा एनसीईआरटी बुक्स की उपलब्धता को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर भी व्यापारी परेशान नजर आ रहे हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने एनसीईआरटी बुक्स को ही बेचने के निर्देश दिए हैं, इस पर एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज कराई है। बुक्स सेलर्स एसोसिएशन के समन्वयक राजेन्द्र बहुगुणा ने बताया कि सीबीएसई स्टूडेंट्स के लिए कम्प्यूटर और जीके की एनसीईआरटी की बुक्स नहीं है। ऐसे में दूसरी बुक्स रखनी पड़ती हैं। इसके अलावा आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स की बुक्स भी दुकान में रखनी होती हैं। ऐसे में विभाग की इस तरह की कार्रवाई समझ से परे हैं।

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दुकानें खुल तो रही हैं लेकिन बिक्री न के बराबर है। एनसीईआरटी बुक्स की इस बार कोई कमी नहीं है।

राजेन्द्र बहुगुणा, समन्वयक, बुक्स सेलर्स एसोसिएशन

Posted By: Inextlive