- ड्रिलिंग का काम पूरा, अंदर पटा मिला मलबा

- टनल के अंदर 34 लोगों के जिंदा होने की उम्मीद टूटी

- रेस्क्यू टीम ने रविवार को बरामद किए कुल 13 शव

देहरादून:

तपोवन में एनटीपीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 लोगों के जिंदा बचे होने की आस अब टूट रही है। रेस्क्यू टीम ने सिल्ट फ्लशिंग टनल में ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया है, टनल मलबे से पटी मिली। ऐसे में किसी के जिंदा होने की उम्मीद कम है। टनल के भीतर मलबे में रविवार को पांच शव मिले। आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 13 शव बरामद हुए। रेस्क्यू टीम अब तक 51 शव बरामद कर चुकी है। 204 में से 153 अब भी मिसिंग हैं, इनकी तलाश की जा रही है।

300 एमएम स्टील प्लेट में हुई ड्रिलिंग

चमोली में बीते रविवार को ऋषिगंगा और धौलीगंगा में आए उफान के बाद तपोवन टनल में 34 लोग फंस गए थे। टनल के नीचे 12 मीटर गहराई में स्थित एसएफटी में 34 लोगों के बचे होने की उम्मीद थी। एसएफटी में मलबा नहीं होने का अंदेशा ही इस उम्मीद की बड़ी वजह रही। एसएफटी तक पहुंचने में बाधा बनी 300 एमएम की स्टील की प्लेट की ड्रिलिंग में रविवार को कामयाबी मिली। लेकिन, पता चला कि यह टनल मलबे से अटी पड़ी है। इसके बाद रेस्क्यू टीमों ने मुख्य टनल से मलबा हटाने पर ही फोकस किया।

दो शव व मानव अंगों का अंतिम संस्कार

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। रविवार को अलग-अलग स्थानों से कुल 13 शव मिले हैं। तपोवन टनल के भीतर 5 बाहर 1शव तथा रैणी क्षेत्र में 7 शव बरामद किए गए। रैणी क्षेत्र में ही ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश कुमार का शव बरामद हुआ। रविवार को 12 शवों की शिनाख्त हुई है। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि रविवार को जिले में 2 शव और 4 मानव अंगों का अंतिम संस्कार किया गया।

रैणी में चल रहा ब्रिज कंस्ट्रक्शन

रैणी में भी ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहां क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को अस्थायी तौर पर ठीक किया गया है। मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर 998 मरीजों का उपचार कर चुकी है। हेलीकाप्टर से इधर-उधर फंसे 445 व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक भेजा गया।

Posted By: Inextlive