आरटीओ की चारधाम को लेकर तैयारी तेज
बदली गई योजना, 30 नवम्बर तक वैलिड रहेगा कार्ड
देहरादून। परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड के लिए राहत दी है। अब टैक्सी मैक्सी समेत 10 सीटर वाले व्हीकल चालकों को आरटीओ के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पडेगी। वह विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपने सभी कागज को अपलोड कर ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर प्राप्त कर सकेंगे। आरटीओ के अनुसार यात्रा से एक माह पूर्व साइट को खोल दिया जाएगा। प्रेशर कम करने का प्लान आरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड का दबाव कम करने के लिए व्यवस्था की है। व्हीकल मालिक किसी भी साइबर कैफे या खुद के कंप्यूटर से ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद ग्रीन कार्ड का प्रिंट निकालकर साथ में रख सकते हैं। 4 अप्रैल से कर सकेंगे आवेदनआरटीओ की वेबसाइट 4 अप्रैल से सभी आम आदमी के लिए खोल दी जाएगी। जिसके बाद आवेदक इस वेबसाइट के माध्यम से ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने सभी डाक्यूमेंट को अपलोड करना होगा।
ऐसे करें अप्लाई -आरटीओ की वेबसाइट gov.greencard.in पर लॉगइन करें। -ग्रीन कार्ड के ऑप्शन पर क्लिक करें। -फार्म भरने के बाद सभी कागज को अपलोड करें।-इसके बाद फीस भरने के बाद आपका ग्रीन कार्ड अप्लाई हो जायेगा।
यह रहेंगी फीस टैक्सी मैक्सी- 420 रुपये बड़ी गाडी जैसे बसे व लोडर के लिए- 620 रुपये 15000 गाडि़यां जाती है चारधाम आरटीओ के अनुसार हर साल 15000 व्हीकल चारधाम के लिए रवाना होती है। इसके लिए उन्हें ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य होता है। हर साल 11 हजार टैक्सी मैक्सी व 4000 से ज्यादा बसें रवाना होती है। बढ़ाई गई सीमा आरटीओ ने इस बार ग्रीन कार्ड की समय सीमा में बदलाव किया है। अब 30 नवम्बर तक या व्हीकल के पेपर वैलिड रहने तक ग्रीन कार्ड की वैलिडिटी रहेगी। इसके लिए व्हीकल चालक जो एक ही बार ग्रीन कार्ड की फीस देनी होगी। लेकिन इसमें एक बदलाव किया गया है। हर बार ट्रिप कार्ड बनाना अनिवार्य होगा। जिससे व्हीकल चालक के ट्रिप का रिकॉर्ड मेनटेन किया जा सके। लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए निर्णय लिया गया है। ताकि ऑफिस में दबाव कम हो सके। लेकिन बड़ी गाड़ी जैसे बसों को ऑफिस आना होगा। अरविन्द पांडेय, एआरटीओ ऋषिकेशचारधाम यात्रा में 10 सीटर व्हीकल के ग्रीन कार्ड ऑनलाइन जारी होंगे। इससे पहले व्हीकल चालकों को देहरादून आना पड़ता था। इससे पैसेंजर को परेशानी भी होती थी। इसे देखते हुए यह राहत दी गई है।
दिनेश पठोई, आरटीओ देहरादून