बिना लाइसेंस चल रहीं दून अस्पताल की 3 एक्स-रे मशीनें सील

चार और मशीनों को सील करने की वार्निग

-एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड के लाइसेंस के बिना चल रही हैं मशीनें

- मेडिकल कॉलेज ने हेल्थ विभाग के सिर फोड़ा ठीकरा

DEHRADUN : क्या राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच करवाना खतरनाक है? क्या इस तरह की जांच करने और करवाने वालों के अलावा अस्पताल में आने-जाने वालों को रेडिएशन का खतरा है? यह आशंका सच भी हो सकती है, क्योंकि दून अस्पताल की इस तरह की सभी मशीनें बिना एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) के लाइसेंस के चल रही है। बोर्ड ने सोमवार को अस्पताल की तीन एक्स-रे मशीनों को सील कर दिया है, जबकि चार अन्य मशीनों को सील करने की वार्निग दी है। इस बीच मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस लापरवाही का ठीकरा हेल्थ विभाग के सिर फोड़ दिया है और सफाई दी है कि हेल्थ विभाग ने इन मशीनों को चलाने के लिए एईआरबी से लाइसेंस नहीं लिया था।

मुंबई से आई टीम ने की मशीनें सील

सोमवार सुबह एईआबी के वैज्ञानिक अधिकारी बीके सिंह के नेतृत्व में एईआरबी की टीम दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची। टीम ने अस्पताल की सभी आयोनाइजिंग रेडिएशन वाली मशीनों की जांच की तो पाया इस तरह की सभी मशीनें अस्पताल में बिना लाइसेंस के चल रही हैं। टीम ने तीन एक्स-रे मशीनों को सील कर दिया, जबकि पांच अन्य मशीनों को सील करने की वार्निग भी दी। यह कार्रवाई एटॉमिक एनर्जी रेडिएशन प्रोटेक्शन रूल्स-ख्00ब् की तहत की गई।

क्या है आयोनाइजिंग रेडिएशन

एटोमिक एनर्जी से चलने वाली सभी तरह की मशीनों से इस तरह के रेडिएशन का खतरा रहता है। सभी मशीनों के लिए रेडिएशन की एक सीमा तय होती है। एईआरबी इस बात पर नजर रखता है कि विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाली मशीनों से तय सीमा से अधिक रेडिएशन न हो। इसमें स्वास्थ्य जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और मीमियोग्राफी जैसी मशीनें शामिल हैं। अस्पतालों को इस तरह की मशीनें लगाने के लिए बोर्ड से लाइसेंस लेना होता है।

स्थिति बेहद खराब: सिंह

एईआरबी की टीम के वैज्ञानिक अधिकारी बीके सिंह का कहना है कि सरकारी अस्पताल अक्सर इस तरह की लापरवाही करते हैं, लेकिन दून अस्पताल में सबसे चिन्ताजनक स्थिति यह है कि यहां एक भी मशीन के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया है। इसके अलावा अधिकांश मशीनें ऐसे मैन्यूफैक्चरर्स से खरीदी गई हैं, जिन्होंने खुद भी एईआरबी का लाइसेंस नहीं लिया है।

हेल्थ विभाग दोषी : प्रिंसिपल

मेडिकल कॉलेज प्रशासन की मशीनों को सील किये जाने का ठीकरा हेल्थ विभाग के सिर फोड़ा है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। पी भारती गुप्ता का कहना है कि हेल्थ विभाग ने एईआरबी के पेपर्स पूरे नहीं किये थे। कॉलेज प्रशासन ने इसके लिए अप्लाई किया है। उन्होंने दावा किया अस्पताल की दो पुरानी मशीनें सील की गई हैं।

Posted By: Inextlive