DEHRADUN : बिटिया के हाथों में उसके ब्याह की मेहंदी सज चुकी थी. बस बारात आते ही सात फेरों की रस्म होनी थी. लेकिन एक राहत पहले ही दहेज के लालची दूल्हे ने बारात लाने से इंकार कर दिया. ये घटना कैंट थाना एरिया की है. जहां पुलिस ने पीडि़त पक्ष की तहरीर पर आरोपी दूल्हे के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर अब जांच शुरू कर दी है. चार महीने पहले हुई थी सगाई दून स्कूल मेस में बतौर हेल्पर का काम करने वाले छोटू लाल अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ गांधी नगर में रहते हैं. करीब चार माह पूर्व उनकी साली रेखा ने उनकी बड़ी बेटी पूनम की शादी महेन्द्र नाम के युवक से तय की थी. मूल रूप से कौलागढ़ निवासी महेन्द्र के पिता नहीं है और अपनी मां से अनबन के चलते वो पटेलनगर में किराए पर रह रहा है. पेशे से बुकसेलर का काम करने वाले महेन्द्र को पूनम ने पसंद किया और उससे सगाई कर ली. जिसके बाद तीन और चार जुलाई को शादी की डेट तय कर दी गई.


शादी के कार्ड भी बट गए


पूनम के  घर पर शादी की तैयारियां जोरों पर थी। शादी के कार्ड रिश्तेदारों में बट गए थे। वहीं दूसरी ओर महेन्द्र भी शादी की तैयारियों में लगा हुआ था। लेकिन शादी से महज एक दिन पहले मंगलवार रात महेन्द्र शराब के नशे में धुत होकर पूनम के घर पहुंच गया और सगाई के दौरान पूनम को शगुन के तौर पर दिए गए लहंगे सहित अन्य सामान को लेकर चलता बना। महेन्द्र की इस हरकत से पूनम के घर पर हंगामा होने लगा। जिसके बाद पूनम के पिता कुछ लोगों के साथ रात करीब दो बजे महेन्द्र का पीछा करते हुए पटेलनगर स्थित उसके कमरे पर पहुंचे। जहां महेन्द्र ने दहेज के तौर पर एक लाख रुपए की डिमांड की और दहेज न मिलने पर बारात न लाने की बात कहने लगा। इस बात पर छोटू ने अपनी माली हालत को बताया लेकिन जब बेहद मनाने पर भी  महेन्द्र न माना। तो आखिरकार सभी लोग महेन्द्र के घर से वापस लौट आए। जांच में सामने आएगी असल वजह

शादी के लिए पूनम के घर पर आए सभी लोगों को जब इस बात का पता चला तो सभी लोग गुस्सा गए। बुधवार सुबह होते ही सभी लोग बिंदाल चौकी पहुंच कर हंगामा करने लगे। पुलिस ने पहले लोगों को शांत किया। फिर छोटू लाल की तहरीर पर आरोपी महेन्द्र के खिलाफ शादी से पूर्व दहेज मांगने का मामला दर्ज किया। चौकी इंचार्ज विक्की टमटा ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी महेन्द्र की गिरफ्तारी नहीं की गई है। मामला शादी से पूर्व दहेज मांगने का है जिस कारण मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही आरोपी को हिरासत में लिया जा सकता है। जांच के बाद ही असल वजह पता चल पाएगी।

Posted By: Inextlive