- दून में लगेंगे 50 अर्ली वार्निग सिस्टम

- अब तक दो अर्ली वार्निग सिस्टम लगाये गये हैं जिला कलेक्ट्रेट में

- तीसरा सिस्टम जल्द थानों में लगाया जाएगा

DEHRADUN: देहरादून जिले में भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने वाले 50 अर्ली वार्निग सिस्टम लगाये जाएंगे। दो दिन पहले एक अर्ली वार्निग सिस्टम डीएम ऑफिस में लगाया गया है, जबकि दो महीने पहले जिला आपदा प्रबंधन केन्द्र में अर्ली वार्निग सिस्टम का लगाया गया था। अगले कुछ दिनों में एक और सिस्टम थानों में लगाने की तैयारी की जा रही है। आने वाले कुछ महीनों में जिले में 50 जगहों पर ये सिस्टम लगाये जाएंगे।

हिमालय में होगा एपीसेंटर

यह अर्ली वार्निग सिस्टम केवल उसी भूकम्प की वार्निग देगा, जिसका एपीसेंटर हिमालय में होगा। हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकम्प से बचने के लिए देहरादून में 15 से 20 सेकेंड बचाव के लिए मिल सकेंगे। हालांकि देहरादून और आसपास के इलाकों में एपीसेंटर होने पर इस सिस्टम से कोई लाभ नहीं मिलेगा।

कैसे करेगा काम

हिमालयी क्षेत्र में भूकम्प आने के साथ ही इसकी जानकारी रुड़की स्थित कंट्रोल रूम पहुंचेगी। इसके साथ ही जहां भी अर्ली वार्निग सिस्टम लगाये गये हैं, वहां अलार्म बज जाएगा। अलार्म के लिए छोटे लाउडस्पीकर लगाये जा रहे हैं। इनमें सौ से दो सौ मीटर की दूरी तक लोग अलार्म सुन सकेंगे।

हिमालय में लगे हैं 50 सेंसर

अर्ली वार्निग सिस्टम को चलाने के लिए गढ़वाल हिमालय में 50 सेंसर लगाये गये हैं। ऐसी ही 50 सेंसर कुमाऊं हिमालयी क्षेत्र में भी लगाये जा रहे हैं। हिमालयी क्षेत्र में कहीं भी एपीसेंटर होने की स्थिति में एक सेंसर इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देगा। सूचना कंट्रोल रूम तक पहुंचे और वापस अर्ली वार्निग सिस्टम तक पहुंचने में कुछ सेकेंड का समय लगेगा। हिमालय से शुरू हुए भूकम्प की वेव दून पहुंचने से करीब 15 सेकेंड पहले वार्निग अलार्म बज जाएगा। इस तरह लोगों को बचाव के लिए 15 सेकेंड मिल जाएंगे।

6 से ज्यादा तीव्रता पर बजेगा अलार्म

यह अर्ली वार्निग सिस्टम केवल तभी वार्निग देगा, जब भूकम्प की तीव्रता 6 रिक्टर स्केल से ज्यादा होगी। इससे कम तीव्रता वाले भूकम्प पर यह सिस्टम सक्रिय नहीं होगा।

आईआईटी में कंट्रोल रूम

अर्ली वार्निग सिस्टम आईआईटी रुड़की द्वारा संचालित किया जा रहा है। आईआईटी रुड़की के भूविज्ञान केन्द्र में ही इस सिस्टम का कंट्रोल रूम बनाया गया है। आईआईटी द्वारा ही सभी जगहों पर सिस्टम को इंस्टॉल किया जा रहा है। हालांकि जो मशीनें इस सिस्टम में लगाई जा रही हैं वह आयात की गई हैं।

- देहरादून जिले में लगाए जाएंगे 50 अर्ली वार्निग सिस्टम

- दो दिन पहले डीएम ऑफिस में लगाया गया अर्ली वार्निग सिस्टम

- दो महीने पहले जिला आपदा प्रबंधन केन्द्र में लगाया गया था अर्ली वार्निग सिस्टम

- जिले में 50 स्थानों पर लगाए जाएंगे अर्ली वार्निग सिस्टम

- देहरादून में भूकम्प से बचाव के लिए 15 से 20 सेकेंड का समय मिल सकेगा

- हिमालयी क्षेत्र में भूकम्प आने के साथ ही जानकारी पहुंचेगी आईआईटी रुड़की स्थित कंट्रोल रूम

- अलार्म के लिए लगाए जा रहे हैं छोटे लाउडस्पीकर

- सौ से दो सौ मीटर की दूरी तक लोग सुन सकेंगे अलार्म

- अर्ली वार्निग सिस्टम को चलाने के लिए हिमालय में लगाए गए हैं 50 सेंसर

- भूकम्प की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 से ज्यादा होने पर ही बजेगा अलार्म

- आईआईटी रुड़की द्वारा सभी जगहों पर इंस्टॉल किए जा रहे हैं सिस्टम

Posted By: Inextlive