दून में 5 दिन में 12 जगहों पर आग की घटनाएं हुईं दो दिन पहले एक जगह पर 22 झोपडिय़ां जल गई थीं। यहां आग बुझाने में फायर डिपार्टमेंट के पसीने छूट गए थे। हाइड्रेंट दूर होने की वजह से व्यवधान हुआ। पहले भी कई बार इस तरह की दिक्कतें आई हैं। यह नहीं विभाग में स्वीकृत 182 कार्मिकों के अगेंस्ट केवल 86 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। करीब पांच साल पहले प्रस्तावित हाइडें्रट में से एक का भी निर्माण नहीं हो सका है।

देहरादून (ब्यूरो) चौंकाने वाली बात यह है कि दून में अंग्रेजों के जमाने में 60 से अधिक हाइड्रेंट थे, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 12 हाइड्रेंट से काम चलाया जा रहा है। तब से शहर का विस्तार और आबादी 15 से 20 गुना बढ़ गई है। यही नहीं सिस्टम फायर सुरक्षा के लिए कितना गंभीर है, इसकी बानगी देखिए करीब पांच साल पहले प्रस्तावित किए गए 92 हाइड्रेंट में से एक भी नहीं बन पाया। अंग्रेज कितने एडवांस थे कि हर एक किमी। की रेंज में हाइडें्रट हुआ करता था, जिससे बड़ी आग बुझाने के लिए पानी लाने के लिए अधिक दूरी तय न करनी पड़े और जल्द आग पर काबू पाया जा सके। लेकिन आज के सिस्टम की सोच बहुत सीमित है।

कुछ हाइड्रेंट दब गए, कुछ कब्जे की चपेट में
विभागीय सूत्रों का कहना है कि शहर में अधिकांश हाइड्रेंट अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए। कुछ जगहों पर बहुमंजिली बिल्डिंग बन गई, तो कुछ सड़कों की जद में आ गए। 60 के बजाय वर्तमान में वाटर बॉक्स दिलाराम चौक, सचिवालय के पास, सर्वे चौक, बन्नू स्कूल के पास कुल 10-12 हाइडें्रट से ही काम चलाया जा रहा है। जबकि शहर की आबादी और एरिया कई गुना फैल गया है। सिस्टम की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। कभी बड़ी आगजनी की घटना होने पर आग पर कैसे काबू पाया जाएगा, इसकी किसी को कोई परवाह नहीं है।

5 दिन में 12 आग की घटनाएं
पिछले 5 दिन में फायर की 12 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हर रोज दो-तीन जगहों पर आग लग रही है। हाल ही रायपुर में एक गद््दे के गोदाम में आगजनी की घटना से हड़कंप मच गया। किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका। गढ़ी कैंट रोड पर एक कार में आग लग गई थी। प्रेमनगर में एक दुकान में आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। कांवली रोड पर एक बस्ती में आग लगने पर 22 झोपडिय़ां जल गई थीं।

92 फायर हाइड्रेंट की जरूरत
दून में 92 फायर हाइड्रेंट की डिमांड है, लेकिन फायर स्टेशन का अपना एक भी हाइड्रेंड नहीं है। आग बुझाने के लिए फायर सर्विस जल संस्थान, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों के हाइड्रेंट को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चला रहा है।

2023 में हुई थी 642 घटनाएं
2023 में दून समेत आस-पास के इलाकों में आगजनी की 642 घटनाएं हुई थीं, जिसमें 172937600 कीमत की संपत्ति को क्षति पहुंची थी। फायर सर्विस ने त्वरित मोर्चा संभालते हुए 464415227 संपत्ति को बचाने में सफल रहा। इससे पहले 2022 में 414 घटनाएं सामने आई थी, जिसमें 108 फायर की घटनाएं शामिल थी।

यहां हंै फायर स्टेशन
-देहरादून सिटी
-विकासनगर
-सेलाकुई
-ऋषिकेश
-लालतप्पड़
-रायवाला

642
फायर की घटनाएं हो चुकी हैं अप्रैल
414
घटनाएं हुई थीं पिछले साल
17.29
करोड़ की संपत्ति को क्षति पहुंची थी पिछले साल
46.44
करोड़ संपत्ति को बचाया पिछले साल फायर ब्रिगेड ने
112
नंबर डायल कर दें कंट्रोल रूम को आग की सूचना
101
नंबर पर दें फायर कंट्रोल रूम को सूचना
0135-2716242
टेलीफोन पर फायर स्टेशन को दें सूचना
94565967980
से 85 तक के नंबरों पर दे सकते हैं पूरे जिले में कहीं भी आग की सूचना

सिटी में रेस्क्यू वाहन व इक्विप्मेंट
मोटर फायर इंजन 8
फार्म टेंडर 1
वाटर टेंडर 6
वाटर बाउजर 1
मिनी वाटर टेंडर 3
मोटर साइकिल 3
रेस्क्यू वाहन 1
हाइड्रोलिक प्लेटफार्म 1
मल्टीप्रपज फायर टेंडर 1
सीएफटी 1
वाटर कैनन 2
टाटा निगोन 1

डिपार्टमेंट की ओर से 92 हाइड्रेंट के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलते ही हाइड्रेंट का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल मौजूद हाइड्रेंट से काम चलाया जा रहा है। आग बुझाने के लिए व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी जा रही है।
वंश बहादुर यादव, चीफ फायर ऑफिसर, दून

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Posted By: Inextlive