देहरादून में डिजास्टर मैनेजमेंट और अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का सैटरडे को एक शानदार नमूना देखने को मिला। बारिश 3 से 4 बजे के बीच आकर निपट गई लेकिन दूनाइट्स के मोबाइल पर वार्निंग शाम को करीब 5:30 बजे के करीब आई। यह मैसेज लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करते रहे। शाम 7 बजे तक संबंधित क्षेत्र के लोग डरे-सहमे रहे जबकि सिटी के बाकी हिस्सों में रहने वाले लोग क्लाउड बस्र्ट जैसी घटना देखने के लिए उत्सुक नजर आये। मैसेज से हुई किरकिरी के बाद जिला प्रशासन की ओर से वार्निंग वापस लेने का मैसेज जारी किया गया और सफाई दी गई कि यह वार्निंग आईएमडी की ओर से जारी की गई थी।

देहरादून ब्यूरो। दूनाइट्स के मोबाइल पर आये इस एसएमएस में देहरादून शहर के रायपुर क्षेत्र में अगले एक से दो घंटे के बीच 80 से 150 मिमी बारिश होने और क्लाउड बस्र्ट जैसे हालत पैदा होने की चेतावनी दी गई थी। मैसेज में रिस्पना और सौंग नदी में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने की आशंका जताई गई थी और लोगों को चेतावनी दी गई थी कि वे रिस्पना और सौंग नदी के बहाव वाले क्षेत्रों के नजदीक न जाएं।

लोगों में मचा ह$ड़कंप
यह मैसेज करीब 90 परसेंट दूनाइट्स के मोबाइल फोन पर पहुंच गया था। इसी के साथ लोगों ने मैसेज को विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से एक दूसरे को भेजना शुरू कर दिया। तमाम ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ने इस मैसेज के आधार पर बड़ी-बड़ी खबरें लगा दी। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। लोग एक-दूसरे का फोन करके स्थिति के बारे में जानकारी लेने लगे। अखबारनवीसों के फोन पर भी लगातार लोगों के कॉल और मैसेज आने लगे। दरअसल रिस्पना और सौंग नदी के आसपास रहने वाले लोग जहां सुरक्षित जगह पर भागने की तजबीज कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर सिटी के सुरक्षित हिस्सों में रहने वाले लोग ऐसी घटना के साक्षी बनने के लिए खुद को तैयार कर रहे थे।

घंटेभर पहले निपट गई थी बारिश
दरअसल जिस बारिश के मामले में यह अलर्ट जारी किया था, वह तो एक घंटे पहले ही निपट गई थी। दोपहर तक दून में मौसम साफ रहने और तेज धूप के बाद दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया था। गरज के साथ बादल उमडऩे लगे और तेज बारिश शुरू हो गई। इस दौरान रायपुर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज बारिश हुई थी। हालांकि बारिश अलर्ट में जताई गई संभावना के करीब आधे के बराबर ही थी, वह भी कुछ हिस्सों में।

लोग जता रहे चिन्ता
संभावित संकट निपट जाने के बाद मिले इस संदेश को लेकर दूनाइट्स चिन्ता जता रहे हैं। लोगों का कहना है जब बारिश होकर निपट गई उसके बाद मिला यह मैसेज साफ करता है कि पिछले कई वर्षों ने जिस अर्ली अलार्म सिस्टम की बात कही जा रही है, वह बहुत ही खस्ताहाल है। सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप सकलानी के अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे चिन्ताजनक लापरवाही बताया।

मौसम विभाग का स्पष्टीकरण
इस मैसेज के बारे में जब मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अलर्ट तीन बजे से पहले जारी किया था। लेकिन, आपदा प्रबंधन वालों की तरफ से संभवत: देरी से भेजा गया। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग का अनुमान पूरी तरह से दुरुस्त था और जिस क्षेत्र के लिए यह अलर्ट जारी किया गया था, वहां 3 से 4 बजे के बीच अच्छी बारिश हुई है। असलियत मालूम होने के बाद कई अन्य लोगों ने इस मसले को लेकर सोशल मीडिया पर चुटकी ली।

Posted By: Inextlive