जामताड़ा से ट्रेनिंग, राजस्थान से ठगी
- राजस्थान के बीकानेर से दो इंटरस्टेट साइबर ठग अरेस्ट
- बीएसएनएल सिम बंद होने व केवाईसी के नाम पर लाखों का चूना देहरादून, साइबर ठगों के खिलाफ एसटीएफ का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। फ्राइडे को एसटीएफ की टीम ने राजस्थान के बीकानेर से दो इंटरस्टेट साइबर ठगों को अरेस्ट किया। आरोपियों ने दून निवासी एक व्यक्ति से साढ़े 16 लाख रुपये ठग लिए थे। एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने जामताड़ा से ठगी की ट्रेनिंग ली थी। बीते 100 दिनों में ही एसटीएफ ने 70 से ज्यादा मामलों में कार्रवाई करते हुए केस रजिस्टर किए हैं। जिनमें 50 लाख से ज्यादा का कैश रिकवर किया है। एप डाउनलोड करवाकर फ्रॉडएसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मार्च 2021 में देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने कंप्लेन दर्ज कराई कि उन्हें किसी व्यक्ति ने फोन कर उनका बीएसएनएल का मोबाइल नंबर ब्लॉक होने की जानकारी दी। इसके बाद मोबाइल नंबर चालू करने का झांसा देकर उनके मोबाइल पर क्विक सपोर्ट नाम की एप डाउनलोड कराई। एप डाउनलोड करने के कुछ देर बाद पीडि़त के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से नौ लाख रुपये, पंजाब नेशनल बैंक के खाते से तीन लाख रुपये, आईसीआईसीआई बैंक के खाते से साढ़े तीन लाख रुपये और एक्सिस बैंक के खाते से एक लाख रुपये निकल गए।
पैसे आते ही उड़ा दिए जांच में सामने आया कि पीडि़त के बैंक खातों से रुपये अरविंद राज पुरोहित और धीरज पंचारिया दोनों निवासी नोखा बीकानेर, राजस्थान ने उड़ाए हैं। दोनों आरोपियों को एसटीएफ की टीम ने अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ठगी की रकम सामान खरीदने और पेट्रोल फिलिंग स्टेशन में इस्तेमाल की है, और ठगी की ट्रेनिंग जामताड़ा से ली है। लॉकडाउन में बना साइबर ठग एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अरविंद पहले मुंबई में एक फर्नीचर की दुकान में काम करता था। बीते वर्ष लॉकडाउन में वह अपने घर बीकानेर चला गया। वहां उसकी दोस्ती धीरज से हुई। दोनों ने जल्द अमीर बनने के लालच में झारखंड के जामताड़ा में दो साइबर ठगों से फोन के माध्यम से दोस्ती की और फिर उससे साइबर ठगी के गुर सीखे। दोनों आरोपी फोन कर विभिन्न तरीकों से व्यक्तियों को झांसे में लेते थे। इसके बाद उनसे मोबाइल पर स्क्रीन शेय¨रग एप डाउनलोड कराकर मोबाइल हैक करते और पीडि़तों के बैंक खातों की डिटेल निकालकर उनसे अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते। महंगे शौक, लाखों का सामानअरविंद और धीरज ठगी के पैसों से जमकर ऐश काटते थे। पूछताछ में पता चला कि अरविंद ने कुछ समय पहले ही एक लाख 30 हजार रुपये कीमत का आईफोन खरीदा था। धीरज ने गोल्ड लोन की किस्त चुकाई। एसएसपी ने बताया कि दोनों शातिरों ने दिल्ली, तेलंगाना और कर्नाटक में भी साइबर ठगी की है। इन तीन राज्यों की पुलिस भी उन्हें तलाश रही थी.अरविंद दो साल पहले मुंबई में भी किसी मामले में जेल जा चुका है।