- हाई कोर्ट से सरकार को दी बड़ी राहत, अध्यापकों को मूल विद्यालय में देनी होगी ड्यूटी

NAINITAL: हाई कोर्ट ने मूल तैनाती पर्वतीय जिलों के बजाय देहरादून, हल्द्वानी समेत अन्य सुविधाजनक स्कूलों से संबद्ध सहायक अध्यापकों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग की ओर से संबद्धता समाप्त कर मूल तैनाती वाले स्कूलों में भेजने वाले आदेश को चुनौती देती याचिकाएं खारिज कर दीं। अब सभी को मूल तैनाती वाले स्कूल में ड्यूटी देनी होगी। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।

हाई कोर्ट ने सुनाया आदेश

वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के तबादले व संबद्धता आदेश जारी किए गए थे। बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली समेत अन्य पर्वतीय जिलों के स्कूलों में तैनात करीब 600 प्राथमिक सहायक अध्यापकों को देहरादून, हल्द्वानी समेत अन्य सुविधाजनक स्कूलों से संबद्ध कर दिया गया। तबादला अधिनियम लागू होने के बाद वर्ष 2019 में इन शिक्षकों की संबद्धता खत्म करते हुए मूल तैनाती वाले स्कूल में जाने का आदेश जारी कर दिया गया। कुछ शिक्षकों ने तो ज्वाइन कर लिया, जबकि दून के आरपी बडोनी, महिमा शर्मा, वंदना कर्णवाल, शाहनूर सलमा समेत 24 शिक्षकों ने आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। उनका कहना था कि प्रारंभिक शिक्षकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। हाईकोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने शुक्रवार को मामले को सुनने के बाद शिक्षकों की याचिकाएं निरस्त कर मूल तैनाती वाले स्कूलों में ज्वाइन करने का आदेश जारी कर दिया।

Posted By: Inextlive