- कहा, पूजा-अर्चना और मान्यताओं पर ऐसा प्रतिबंध तो मुगल और ब्रिटिश काल भी नहीं लगा

HARIDWAR: अटल व महानिर्वाणी सहित कई अखाड़ों के महामंडलेश्वरों ने सरकार से कुंभ एसओपी में संशोधन की मांग उठाई है। कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला में हुई महामंडलेश्वरों की बैठक में सवाल उठाया गया कि जब चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो कुंभ में यज्ञ, कथा व भंडारों पर रोक क्यों। मुगल और ब्रिटिशकाल भी सनातन धर्म की पूजा-अर्चना और मान्यताओं पर इस तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया। संतों ने मांग उठाई कि सरकार तत्काल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बंद करे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अटल पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती ने कहा कि केंद्र से जारी नियम सभी राज्यों के लिए समान होने चाहिए। प्रयागराज में माघ मेला व वृंदावन में वैष्णव कुंभ आयोजित हो रहा है और लाखों लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। लाखों की भीड़ जुटने के बाद भी चुनावी रैलियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है, तो फिर हरिद्वार कुंभ में भक्तों को व्यर्थ क्यों परेशान किया जा रहा है। कोरोना के प्रति सावधानी रखते हुए जांच अवश्य की जाए, लेकिन भक्तों को रजिस्ट्रेशन जैसी बाध्यताओं से मुक्त रखा जाए। साथ ही पूजा पाठ, सत्संग, कथा, प्रवचन की अनुमति दी जाए। इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी विश्वेश्वरानंद, स्वामी आनंद चैतन्य, स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती, स्वामी अभयानंद सरस्वती, स्वामी अक्षरानंद गिरि, शिव प्रेमानंद पुरी व स्वामी गिरधर, महंत सत्यम गिरि, महंत बलराम गिरी, महंत हरिहरानंद, महंत प्रेमानंद आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive