Dehradun : भले ही टीवी और मूवीज में हिप-हॉप और रैप म्यूजिक का जोर युवाओं के एक बड़े वर्ग को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है. लेकिन वेस्टर्न कल्चर को अपनाने की इस अंधी होड़ में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस पीढ़ी का होने के बावजूद भी शास्त्रीय संगीत सुनते हैं. थर्सडे को सिटी के वेहल्म गल्र्स स्कूल में स्पीक मैके द्वारा लिविंग लेजेंड पं. हरि प्रसाद चौरसिया का शानदार प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया. जहां एक तरफ उन्होंने इस मौके पर सभी स्टूडेंट्स को क्लासिकल म्यूजिक के गुण सिखाएं वहीं दूसरी ओर स्टूडेंट्स ने भी इंट्रैस्ट के साथ इस म्यूजिकल वर्कशॉप में पार्टीसिपेट किया.


सुनाई सुरीली धुन इलाहाबाद में जन्मे पं। हरि प्रसाद चौरसिया आज देश के उन लिविंग लेजेंड्स में से एक हैं, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत की विधा में पारंगत हासिल की है। थर्सडे को दून में वेहल्म गल्र्स स्कूल में पहुंचे पं हरि प्रसाद चौरसिया अपनी बांसुरी के सुरों से पूरे माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। ईस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक के फेमस बांसुरी वादक के रूप में फेमस पं चौरसिया ने इस मौके पर शास्त्रीय संगीत के अलग-अलग रागों को अपने बांसुरी की धुन में पिरोकर लोगों को सुनाया। इस दौरान मौजूद स्टूडेंट्स से बातचीत करते हुए पं। चौरसिया ने कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर और उसकी पहचान है। इसलिए इसकी समझ भी बहुत जरूरी है।Students ने मिलाए सुर
स्टूडेंट के बीच शास्त्रीय संगीत की समझ को टटोलते हुए पं चौरसिया ने स्टूडेंट्स को मंच पर बुलाया। इस दौरान स्कूल की तीन स्टूडेंट ने उनके साथ भजन गाया, जिससे खुश होकर पं। चौरसिया ने उन छात्राओं को आशीर्वाद स्वरूप कुछ रुपए दिए। भजन गायन के बाद स्कूल की 12 क्लास की स्टूडेंट ने पं। चौरसिया के कहने पर एक राग गाया। इस म्यूजिकल वर्कशॉप में पं। चौरसिया के साथ ही उनकी शागिर्द बांसुरी वादक देवोप्रिया और तबले पर उस्ताद राशिद मुस्तफा खान साथ देते नजर आए।

Posted By: Inextlive