Dehradun: बात चाहे लेटेस्ट आउटफिट कि हो या फिर अपने रूम में कलर सेलेक्शन की. हर जगह यूथ अपनी पसंद का करता है. कुछ ऐसा ही यूथ का एटीट्यूड संडे को मेयर इलेक्शन के दौरान देखने को मिला. जहां एक तरफ मॉर्निंग से ही सिटी के सभी पोलिंग बूथ्स में वोटर्स की लंबी कतार देखने को मिली. वहीं सिटी की कुछ यंग जेनरेशन ऐसे भी थी जो सिटी के डेवलेपमेंट के लिए अच्छे कैंडीडेट को चूज करने के लिए फस्र्ट टाइम घर से वोट देने के लिए निकला था. आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान इन फस्र्ट टाइम वोटर्स ने वोटिंग की इर्पोटेंस बताते हुए अपने व्यूज शेयर किए.


'मैंने अपनी लाइफ  में फस्र्ट टाइम वोट दिया है। आखिर ये हमारा राइट है। अपनी पर्सनल लाइफ में अगर हम हर चीज को लेकर प्लैंड और अलर्ट रहते हैं। तो अपनी सोशल रिस्पांसबिलिटी की तरफ भी हमें सोचना चाहिए.'-रिंकी 'मैं मॉर्निंग में रिफ्रेश होने के साथ ही अपना पहला वोट देने आ गया। इस इलेक्शन के बेस पर ही हमारे आने वाले पांच साल का डेवलपमेंट डिपेंड करता है। आज हर शहरवासी को वोट करना ही चाहिए.'-सुमित'पांच साल में एक बार वोट देने का मौका मिलता है और मेरे लिए तो ये फस्र्ट टाइम है। काफी एक्साइटेड हूं। यहीं वह टाइम है, जब हम लोग नए और अच्छे लीडर को चुन सकते हैं। जिससे हमारे शहर का नए सिरे से निर्माण हो सके.'-सना सिंह


'मैं और मेरी मॉम दोनों ही एक साथ वोट देने के लिए आए हैं। इलेक्शन चाहे मेयर का हो, या फिर किसी एमपी एमएलए का। हमारी फैमली हमेशा वोट देने के लिए जरूर आती है। मैं पहली बार वोट देने आई हूं। इसलिए मैं अपना वोट बहुत ही सोचने समझने के साथ दे रही हूं.'-रक्षिता

'संडे का मतलब हमेशा फन डे नहीं होता, इलेक्शन में अपने वोट का योगदान देना एक रिस्पांसबिल सिटीजन की ड्यूटी है। मेयर की कुर्सी, सिटी के लिए बहुत ही इंर्पोटेंट होती है। तो ऐसे में हमें अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी चाहिए कि मेरा फस्र्ट वोट डिजर्विंग कैंडिडेट को ही पड़े.'-अमरदीप'मेरी फैमली हर साल वोट देने आती है और इस बार मैं भी इसका एक पार्ट हूं। मैं अपना वोट सिर्फ प्रचार प्रसार के आधार पर नहीं दे रहा। बल्कि मुझे वाकई में जो कैंडिडेट अच्छी छवि और काम करने वाला है। मैंने उसे ही अपना वोट दिया है। आई होप की वहीं जीते.'-शुभम

Posted By: Inextlive