DEHRADUN: स्टेट में जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट शुरू हो जाएगा. जबकि पीजी व रिसर्च के लिए आवासीय साइंस कॉलेज की स्थापना पर भी सरकार विचार कर रही है. स्टेट में एक स

- सीएम टीएसआर ने स्टूडेंट्स से किया ई-संवाद

- देश की सेवा हो जीवन का लक्ष्य, सीएम ने स्टूडेंट्स को दिए सक्सेस मंत्र

>DEHRADUN: स्टेट में जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट शुरू हो जाएगा। जबकि पीजी व रिसर्च के लिए आवासीय साइंस कॉलेज की स्थापना पर भी सरकार विचार कर रही है। स्टेट में एक स्कूल प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। स्कूल में स्टेट लेवल पर एग्जाम के बाद एंट्री दी जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम फैमिलीज के बच्चों से फीस ली जाएगी, लेकिन गरीब और टैलेंटेड बच्चों को फ्री एजुकेशन दी जाएगी।

स्टूडेंट्स से ई-संवाद से जुड़े सीएम

मंडे को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत स्टूडेंट्स से ई-संवाद के जरिये जुड़े। सीएम ने कहा कि ये देखकर खुशी होती है कि आज के बच्चे अपने करियर को लेकर बहुत अवेयर हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है। कहा, कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में करियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई टीचर बनकर और कोई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है। सीएम ने कहा कि हायर एजुकेशन में क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करना होगा। आज का युग कॉम्पिटीशन का है। हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को वर्तमान व भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर्स की स्थापना की गई है। इसके अलावा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की भी जल्द शुरुआत होगी।

- बच्चे पूर्ण मनोयोग से आगे बढ़े व मेहनत करें।

- जरूरत पड़ने पर सरकार और समाज से हेल्प मिलेगी।

- चमोली जिले के एक स्टूडेंट का सिलेक्शन लंदन स्कूल ऑफ आटर््स में हुआ।

- स्टूडेंट को लंदन भेजने की व्यवस्था की गई।

- एक गरीब फैमिली की स्टूडेंट पढ़ाई को न्यूजीलैंड जाना चाहती थी, व्यवस्था कराई गई।

- जब मदद की जरूरत पड़े तो गवर्नमेंट के साथ लोग भी मदद को आएं आगे।

डॉ। कलाम से लें प्रेरणा

सीएम ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्‍‌न डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। दून में इंटरव्यू के लिए आए, लेकिन सक्सेस नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक के साथ देश के राष्ट्रपति बने। ऐसे ही हमारे स्टेट में एक आईएएस हैं, जो पहले श्रमिक का काम करते थे।

Posted By: Inextlive