'बने ठोस रणनीति, तभी थमेगा नशे का कारोबार'
- बच्चों में बढ़ रही नशे की लत के लिए प्रशासन है जिम्मेदार
- नियमों का पालन न होने के कारण बच्चे हो रहे शिकार DEHRADUN: स्टूडेंट्स में नशे की लत लगातार बढ़ रही है। स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों में बढ़ रही इस लत को दूर करने के लिए तमाम बोर्ड भी दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश के राज्यपाल ने भी प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कानून का हो सख्ती से पालनराज्यपाल डा। कृष्ण कांत पॉल ने स्थानीय प्रशासन को शिक्षण संस्थानों पर तंबाकू के साथ ही दूसरे नशीले पदार्थो की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा संस्थानों में योग व प्राणायाम को बढ़ावा देने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाने की बात कही है। राज्यपाल के इस फैसले के बाद प्रशासन भी सख्ती के मूड में है। बच्चों में नशे की लत को लेकर उठाए जा रहे इस कदम का दूनाइट्स ने भी स्वागत किया है। उनका कहना है कि शिक्षण संस्थानों के बाहर अगर बिक्री बंद होगी तो बच्चों को ऐसे उत्पाद आसानी से उपलब्ध नहीं होंगे।
स्कूल कॉलेज के बाहर जो तंबाकू गुटखा आदि दुकानें लगी होती हैं इन से आज के युवा नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
-- गौरव लाठर तंबाकू, सिगरेट आदि की दुकानों को कॉलेज व स्कूलों से दूर होना चाहिए। लेकिन इस नियम को पालन नहीं किया जाता है। युवा हमारे देश का भविष्य हैं ऐसे में इन्हें बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। -- निशा कॉलेज और स्कूलों के आसपास की दुकानें ही नहीं बल्कि पूरे शहर में नशे का व्यापार बंद हो जाना चाहिए। सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। -- आशीष कॉलेज के आसपास नशे से संबंधित किसी भी प्रकार की दुकानें न खोली जाए, ऐसा करने वाले के लिए जुर्माना रखा जाना चाहिए। -- आयशा कॉलेज के आस पास बीड़ी, तंबाकू की दुकानों से युवाओं में यह लत बढ़ रही है। इससे बुरा असर पूरी सोसायटी पर पड़ रहा है। विभाग भी नियमों की अनदेखी करते हैं। -- मधूस्मिता साहू बीड़ी तंबाकू के बैन होने के साथ ही युवाओं में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि इस लत का शिकार युवा वर्ग इससे बाहर निकाल सके। -- पियानो