- पिछले साल 536 पेट डॉग्स का किया गया रजिस्ट्रेशन

- सिटी में 20 हजार से ज्यादा पेट डॉग्स होने की संभावना

देहरादून,

यदि आपने अपने घर में कुत्ता पाल रखा है तो यह खबर आपके लिए है। अब आपको हर हाल में अपने पेट डॉग का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और साथ ही वैक्सीनेशन का ब्योरा भी नगर निगम में देना होगा। ऐसा करने के लिए आपके पास 3 महीने का समय है। 3 महीने के दौरान ऐसा नहीं किया गया तो नगर निगम आपसे 5 से 10 हजार रुपये जुर्माना वसूल सकता है।

नियम पहले से, सख्ती अब

हालांकि अपने पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाने का नियम पहले से है, लेकिन अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा यह है कि देहरादून नगर निगम में अब तक करीब 800 डॉग्स ही रजिस्टर्ड हैं, इनमें भी करीब 700 रजिस्ट्रेशन पिछले दो महीने में हुए हैं।

30 हजार से ज्यादा पेट डॉग

अनुमान है कि देहरादून सिटी में 30 हजार से ज्यादा पैट डॉग हैं। नगर निगम के वेटनरी डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार 2011 की सेंसस के अनुसार दून नगर निगम क्षेत्र में करीब 143000 परिवार थे। ऐसे में पेट डॉग की संख्या 30 हजार के पार हो सकती है।

नगर निगम दे रहा नोटिस

नगर निगम में डॉग पालने वालों को फिलहाल तीन महीने का समय दिया है। इस दौरान वे अपने डॉग का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। नगर निगम की नजर में आने वाले डॉग पालने वालों को इस बारे में नोटिस भी दिये जा रहे हैं। लेकिन, जिन लोगों तक नोटिस नहीं पहुंच पा रहे हैं, उन्हें भी विभिन्न माध्यमों से तीन महीने में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा जा रहा है। इसके बाद नगर निगम जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रहा है।

रजिस्ट्रेशन के साथ होती हैं शर्ते

नगर निगम में जब भी कोई व्यक्ति अपने पेट डॉग का रजिस्ट्रेशन करवाता है कि उसे कुछ शर्तो का पालन करना होता है। इसमें डॉग का समय-समय पर वैक्सीनेशन और उन्हें किसी भी हालत में खुला न छोड़ने की शर्त होती है। रजिस्ट्रेशन की शर्त के अनुसार यदि किसी का पेट डॉग किसी व्यक्ति का काट खाता है तो डॉग के मालिक को उसके इलाज का खर्च उठाना पड़ता है।

लाखों स्ट्रीट डॉग

सिटी में स्ट्रीट डॉग की संख्या भी हजारों में होने की संभावना है। माना जाता है कि 30 हजार की आबादी पर करीब 1000 स्ट्रीट डॉग होते हैं। इस हिसाब से दून में स्ट्रीट डॉग की संख्या लाखों में होने की संभावना है। स्ट्रीट डॉग संख्या सीमित रखने के लिए नगर निगम मेल डॉग्स की स्ट्रीलाइजेशन का अभियान चलाता है। नगर निगम का दावा है कि हाल के महीनों में करीब 3 हजार डॉग्स को स्ट्रीलाइज्ड किया गया है।

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फिलहाल हम लोग सभी से अपील कर रहे हैं कि वे अपने डॉग का हर हाल में रजिस्ट्रेशन करवा लें। रजिस्ट्रेशन के साथ डॉग के वैक्सीनेशन का ब्योरा मांगा जाता है। इससे यह सुविधा होती है कि यदि किसी पेट डॉग ने परिवार या बाहर के किसी व्यक्ति को काट लिया तो उस व्यक्ति को रैबीज जैसी बीमारी का खतरा नहीं होगा।

डॉ। दिनेश चन्द्र तिवारी

सीनियर वेटनरी ऑफिसर, नगर निगम

Posted By: Inextlive