Dehradun : कौन कहता है कि दुनिया में सहारा देने वालों की कमी है. बस जरूरत ऐसे लोगों तक सूचना पहुंचने की है. आपदा में अपना सब कुछ गंवा चुके उत्तरकाशी के नेत्रहीन मथुरा प्रसाद नौटियाल के परिवार की हेल्प के लिए हाथ उठने शुरू हो गए हैं. कुछ मथुरा पी नौटियाल के लिए शहर में ठिकाने की बात कर रहे हैं तो कोई जॉब की संभावनाएं टटोल रहे हैं. कुछ कारोबारियों ने मथुरा के एक मात्र सहारे बेटे उज्ज्वल के पढ़ाई का जिम्मा उठाने का भरोसा दिया है. लेकिन इधर मथुरा प्रसाद उनकी पत्नी रजनी व बेटा उज्ज्वल की ख्वाहिश है कि कोई उन्हें सीएम से मिलवा दें.


आगे आए मथुरा के लिए मददगारआपदाग्रस्त जिले उत्तरकाशी के भटवाड़ी तहसील के रहने वाले मथुरा प्रसाद नौटियाल जन्म से ही अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। 1998 में उनकी शादी टिहरी की रहने वाले रजनी से हुई। रजनी भी बाई बर्थ अपनी आंखों की रोशनी खो चुकी है। जैसे-जैसे ताउम्र इन चुनौतियों को स्वीकार करने के बाद मथुरा प्रसाद व रजनी अपने 14 साल के बेटे उज्ज्वल के साथ नोएडा में एक स्कूल में करीब पांच हजार रुपए प्रतिमाह टीचिंग करने के बाद कमाते थे। जून में वह घर आए थे, कुदरत के क्रूर मजाक ने मथुरा प्रसाद के परिवार की आजीविका को न केवल उनसे अलग कर दिया, बल्कि भटवाड़ी में भी उनके खेत व घर को भी तबाह कर दिया। संस्थान ने नौकरी से हटाने के साथ ही महीने की सैलरी भी नहीं दी। मदद को बढ़े हाथ
आजकल नेत्रहीन मथुरा प्रसाद नौटियाल, उनकी पत्नी रजनी व बेटा उज्ज्वल राजपुर स्थित शॉर्प मैमोरियल इंस्टीट्यूट फोर ब्लाइंड में ठहरे हुए हैं। सैटरडे को आई नेक्स्ट में उनकी आपबीती की खबर प्रकाशित होने के बाद उनकी हेल्प के लिए हाथ उठने शुरू हुए। इंडस्ट्रियालिस्ट सुभाष मित्तल ने आई नेक्स्ट टीम के साथ राजपुर इंस्टीट्यूट में पहुंचकर मथुरा प्रसाद नौटियाल को उनके बेटे की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिया। शॉर्प मैमोरियल इंस्टीट्यूट ने भी मथुरा प्रसाद को जॉब दिलवाने के लिए कोशिश शुरू की है। जबकि इंस्टीट्यूट ने कहा कि जब तक मथुरा प्रसाद नौटियाल को नौकरी नहीं मिल जाती, तब तक वह इंस्टीट्यूट में रह सकते हैं।  कोई सीएम ऑफिस तक पहुंचा देंमथुरा प्रसाद की दिक्कत नौकरी या फिर आपदा में सब कुछ तबाह होना ही नहीं है। वह सीएम विजय बहुगुणा से भी मिलना चाहते हैं। कई दिनों से उनकी कोशिशें जारी हैं, लेकिन सीएम तक उनकी पहुंच नहीं हो पा रही है। कौन, कहां और कैसे उनका परिवार सीएम तक पहुंच पाएगा। मथुरा प्रसाद को पता नहीं चल पा रहा है। इधर, आई नेक्स्ट की टीम ने डीएम उत्तरकाशी से बात की। जिस पर डीएम उत्तरकाशी पंकज पांडे ने भरोसा दिलाया है कि आपदा से हुए नुकसान की जितनी भरपाई हो सके इसके लिए जिला प्रशासन कोशिश करेगा।

Posted By: Inextlive