- शहर से 20 किमी दूर सौंग नदी पर प्रस्तावित है डैम का निर्माण

- दून में वाटर सप्लाइ के लिए बनेगा 131 मीटर ऊंचा बांध

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया डैम साइट का रियलिटी चेक

देहरादून,

सिटी से करीब 20 किमी दूर सौंग नदी पर प्रस्तावित डैम का काम अब जल्द फिर से शुरू होने के आसार हैं। कुछ समय पहले बंद कर दिया डैम का काम अब फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इस डैम का निर्माण मुख्य रूप से देहरादून सिटी में वाटर सप्लाई के लिए किया जा रहा है। बताया जाता है कि डैम का निर्माण होने के बाद दून सिटी में ड्रिंकिंग वाटर की कोई कमी नहीं रह जाएगी।

टनल से पहुंचेगा पानी

सौंग बांध से पानी टनल के जरिये दून तक पहुंचाया जाएगा। सुरंग के निर्माण स्थल जीरो प्वॉइंट पर टनल का निर्माण भी शुरू कर दिया गया था। काम बंद होने से पहले करीब एक किमी तक टनल का निर्माण कर दिया गया था। बताया गया है कि इस टनल की लंबाई करीब 3 किमी होगी। देहरादून के अलावा टिहरी जिले के निटकवर्ती गांवों तक भी यहां से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए नदी के दूसरी तरफ भी एक टनल का निर्माण किया जा रहा है।

डैम के डायमेंशन पर एक नजर

131 मीटर होगी डैम की ऊंचाई

बॉटम में डैम की चौड़ाई 12.5 मीटर

टॉप में 134.6 मीटर होगी

लंबाई 225 मीटर

73 हेक्टेअर जमीन डूबने की संभावना

50 एमएलडी पानी की कमी

दून में पानी की खपत लगातार बढ़ रही है, लेकिन सप्लाई के सीमित स्रोत हैं। बांदल नेचुरल सोर्स से कुछ पानी मिल पाता है, इसके अलावा बाकी पानी ट्यूबवेल के जरिये सप्लाई किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार सिटी में करीब 260 मिलियन लीटर पर डे पानी की डिमांड है, जबकि सप्लाई मात्र 215 मिलियन लीटर पर डे है। ऐसे में सिटी के विभिन्न क्षेत्रों में अक्सर पानी की कमी बनी रहती है। गर्मियों के दिनों पेयजल संकट ज्यादा बढ़ जाता है।

गिर रहा है ग्राउंड वाटर लेबर

सबसे बड़ी समस्या यह है कि दून में ग्राउंड वाटर लेबल लगातार गिर रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के एक अध्ययन के अनुसार दून को वाटर लेबल पिछले कुछ वर्षो में 8 से 12 मीटर तक गिर गया है। गर्मियों में ग्राउंड वाटर लेबल और गिर जाने से कई ट्यूबवेल काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में स्थिति और बिगड़ जाती है।

सौंग डैम देहरादून में वाटर सप्लाई की एक महत्वपूर्ण योजना है। हालांकि इसमें अभी काफी समय लग सकता है। लेकिन, जब भी इस योजना का काम पूरा होगा, देहरादून में पानी की कमी की समस्या लगभग दूर हो जाएगी। रायपुर और सहस्रधारा रोड आदि इलाकों को इस योजना से बड़ा लाभ होगा।

नीलिमा गर्ग, जीएम जल संस्थान

Posted By: Inextlive