‘मेरे प्यारे मम्मी पापा मैं काफी दिनों से इस मुश्किल से गुजर रहा हंू. मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता है. मैं आपको परेशान नहीं करना चाहता इसलिए दुनिया छोडक़र जा रहा हंू...


सॉरी मम्मी पापा’। यह शब्द उस सुसाइड नोट पर लिखे गए हैं, जो कि एक बार फिर एजूकेशन सिस्टम में बदलाव की बात करने वालों के लिए एक सवाल है। एसजीआरआर रेसकोर्स में दसवीं के छात्र नीरज ने मंडे को पढ़ाई में मन न लगने की वजह से सुसाइड कर लिया.


कमीं कोई नहीं, फिर भी चुनी मौत

नीरज को घर में परवरिश से लेकर लाइफ स्टाइल तक में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं थी। इसके बावजूद उसने सुसाइड कर लिया। जानकारी के मुताबिक नीरज के पिता भगवती प्रसाद दुबई में जॉब करते हैं। घटना के समय उसकी मां कहीं बाहर गई हुई थी। इसी दौरान एक जानने वाला वहां आया काफी प्रयास के बावजूद जब दरवाजा नहीं खुला, तो वहां आस पास के लोग इकट्ठा हो गए। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जब दरवाजा खुला तो सब हैरान रह गए। नीरज पंखे से लटक रहा था.यह हादसा किसी के साथ न हो


पंखे से लटकी नीरज की बॉडी को देखकर तुरंत 108 को कॉल किया गया। पुलिस के मुताबिक जब नीरज को पंखे से उतारा गया तो उसमें जीने की उम्मीद बची हुई थी। उसकी पल्स चल रही थी, लेकिन जब उसे हॉस्पिटल के लिए लेकर निकले तो रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। जब नीरज को हॉस्पिटल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने उसे डेड डिक्लेयर कर दिया। यह सब हादसा देखकर नीरज की मां सदमे में है। पिता दुबई में हैं, इसलिए पूरी जिम्मेदारी नीरज की मां की ही है। दूसरी ओर, नीरज का बड़ा भाई भी इस हादसे के बाद गहरे सदमे में है। आसपड़ोस के लोग भी इस हादसे के बाद बस इतना ही कह पा रहे हैं कि ऐसा हादसा किसी के साथ न हो। उधर, पुलिस द्वारा डेड बाडी को कब्जे में लेकर पंचनामा भराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए मार्चरी भेज दिया गया।

Posted By: Inextlive