- ब्लैकमार्केटिंग रोकने व लोकेशन ट्रेस करने के लिए लगाई जाएगी स्पेशल डिवाइस

- प्रदेश में 50 टैंकर जुटे हैं ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन में, 4 मई तक लगेंगी डिवाइस

देहरादून

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी है। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए टैंकर्स की काफी कमी है। टैंकर्स की वास्तविक स्थिति पर नजर रखने के लिए विभाग इनमें ट्रैकिंग डिवाइस लगाने की तैयारी कर रहा है। मकसद यह कि इनकी सही लोकेशन मिले और ऑक्सीजन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने के साथ ही ब्लैकमार्केटिंग रुके।

4 मई तक लगेंगी डिवाइस

प्रदेश में इस समय 13 ऑक्सीजन प्लांट हैं लेकिन मेन सप्लाई तीन बड़े प्लांट्स से होती है। इनमें सेलाकुई के प्लांट से 160 टन प्रतिदिन, झबरेड़ा प्लांट से 100 टन प्रतिदिन और काशीपुर प्लांट से 30 टन गैस प्रतिदिन उपलब्ध कराई जा रही है। यहां से ऑक्सीजन की सप्लाई टैंकर के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा यूपी, हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ के अस्पतालों के लिए हो रही है। प्रदेश से इस समय ऑक्सीजन सप्लाई के लिए 50 टैंकर संचालित हो रहे हैं। इनमें से 11 टैंकर उत्तराखंड और बाकी अन्य राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई में लगे हैं। देखने में आ रहा है कि टैंकर रवाना होने के बाद विभिन्न कारणों से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जितनी गैस प्लांट से निकल रही है, उतनी अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रही है। इससे ब्लैकमार्केटिंग की आशंका बढ़ रही है। इसे देखते हुए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट प्रदेश में गैस डिस्ट्रीब्यूशन करने वाले टैंकरों पर ट्रैकिंग डिवाइस लगाने जा रहा है। डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर एसके सिंह ने बताया कि ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का उद्देश्य गैस वितरण की अवधि पर नजर रखना, ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर रोक लगाना और यह देखना है कि कहीं इसकी सप्लाई औद्योगिक क्षेत्र में तो नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी टैंकर्स में 4 मई तक ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

Posted By: Inextlive