प्रेमनगर क्षेत्र के न्यू मीठीबेरी क्षेत्र के करीब 1000 लोग पेयजल संकट से जूझने को मजबूर हैं. जिस योजना से क्षेत्र को पानी की सप्लाई की जा रही थी वह लगभग सूख गई है. ट््यूबवेल का डिस्चार्ज काफी कम हो गया है जिससे क्षेत्र के लोगों को नाम मात्र का पानी मिल रहा है.

- आईएमए बना आड़े, प्रेमनगर के न्यू मीठीबेरी के लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज
- 82 लाख से योजना बनकर तैयार, विवाद के चलते आपूर्ति नहीं हो पा रही शुरू

देहरादून (ब्यूरो): पेयजल की कमी से जूझ रहे लोगों को पर्याप्त पानी मुहैया कराने के लिए 82 लाख की लागत से नए ट््यूबवेल निर्माण किया गया। इसके लिए क्षेत्र में नई पाइपलाइन भी बिछा दी गई है। बिजली के लो वोल्टेज के चलते ट्यूबवेल संचालन के लिए ट्रांसफार्मर भी लगा चुका है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद योजना कंपलीट है, लेकिन विवाद में फंसने से योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। क्षेत्र के लोगों ने ट्यूबवेल शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है।

आइएमए का है अड़ंगा
बताया जा रहा है कि न्यू मीठीबेरी क्षेत्र में जिस जगह पर पानी की परेशानी उसका कुछ हिस्सा कैंट एरिया में है और बाकी हिस्स नगर निगम में है। कैंट का इसमें कोई दखल नहीं है। इस क्षेत्र में जल संस्थान ही लंबे समय से कैंट एरिया के 150 अधिक परिवारों को पानी की आपूर्ति करा रहा है। बताया जा रहा है कि आइएमए के अधिकारी दावा कर रहे हंै कि मीठीबेरी में अधिकांश घर आइएमए की जमीन अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। इसलिए कब्जे की भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण व अन्य कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस वजह से मामला पेंडिंग पड़ा है।

आइएमए ने कराया मुकदमा दर्ज
जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि पब्लिक की पेयजल मांग को देखते हुए डीएम के प्रस्ताव पर शासन ने ट्यूबवेल की अनुमति दी है। ट्यूबवेल का निर्माण करने पर आइएएम ने जल संस्थान के खिलाफ प्रेमनगर थाने में बिना अनुमति के निर्माण करने का मुकदमा दर्ज कराया है। बताया कि इस बार में डीएम की आइएमके कमांडेंड से वार्ता हुई है। इसके बाद भी आइएमए के अफसर मानने को राजी नहीं है।

लापरवाह बने हैं अफसर
आरकेडिया क्षेत्र की पूर्व उप प्रधान और सक्रिय सोशल एक्टिविस्ट गीता बिष्ट ने जल संस्थान पित्थूवाला पर क्षेत्र वासियों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि पानी की कमी के चलते नया ट््यूबवेल निर्माण किया गया, लेकिन इससे अभी तक आपूर्ति सुचारू नहीं की गई है। कहा कि लंबे समय तक जल संस्थान ने लो वोल्टेज का रोना रोया, अब ट्रांसफार्मर भी लग चुका है, इसके बाद भी स्थित जस की तस बनी है। उन्होंने एक सप्ताह में नए ट्यूबवेल से आपूर्ति सुचारू न होने पर संस्थान के सीजीएम कार्यालय में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

न्यू मीठीबेरी में सैकड़ों लोग पानी के तरस रहे हैं। अब पेयजल योजना भी बन गई, इसके बाद भी पेयजल संकट गंभीर मामला है। जल्द से जल्द नए ट्यूबवेल से आपूर्ति सुचारू की जाए।
गीता बिष्ट, पूर्व ग्राम प्रधान, आरकेडिया

आइएमए देश का ही हिस्सा है। ये किसी की व्यक्ति नहीं, बल्कि आम पब्लिक की समस्या है। मामले मेंं आइएमए के हस्तक्षेप को लेकर डीएम स्तर पर शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए।
राजेंद्र सेमवाल शास्त्री, सोशल एक्टिविस्ट

हम लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। कई साल से सुनते आ रहे कि जल्द से जल्द पानी मिल जाएगा, लेकिन वह समय कब आएगा, जब लोग प्यासे मरने लगेंगे।
सरिता भारद्वाज, स्थानीय गृहणी

हमें आइएमए और जल संस्थान से मतलब नहीं है। हमें तो पानी चाहिए। जब पानी नहीं मिलना है तो जल संस्थान किस बात का बिल वसूल रहा है। पानी नहीं मिला तो हम पानी का बिल भी नहीं देंगे।
बीना देवी, स्थानीय गृहणी

न्यू मीठीबेरी में ट्यूबवेल और पेयजल लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया। ट्रांसफार्मर भी लग चुका है। आइएमए से बात की जा रही है। डीएम के प्रस्ताव पर ही शासन ने ट््यूबवेल निर्माण की स्वीकृति दी थी। डीएम स्तर से शीघ्र मामले का निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है।
केसी पैन्यूली, एक्सईएन, पित्थूवाला, देहरादून
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Posted By: Inextlive